देश के कई समुद्री इलाकों में इन दिनों चक्रवात असानी (Cyclone Asani) का असर देखने को मिल रहा है. बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान अब आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) की ओर बढ़ रहा है. इस बीच आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम इलाके में तूफान की वजह से समुद्र में उठी लहरों के बीच एक सोने का रथ (Gold Coloured Chariot) बह आया है. ये रथ कहां से बहकर आया इस बात की जानकारी अभी तक नहीं हुई है.
जानकारी के मुताबिक, ये सोने का रथ श्रीकाकुलम जिले के सुन्नापल्ली तट पर मिला है. मंगलवार शाम को यहां सोने के रंग की परत चढ़ा एक खूबसूरत रथ बहते हुए आ गया. यह रथ म्यांमार, मलेशिया या थाईलैंड से बहकर यहां पहुंचने की बात कही जा रही है. वहीं इलाके के SI नौपाड़ा ने बताया कि शायद यह रथ किसी दूसरे देश से आया हो. हमने इंटेलिजेंस और उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है.
हालांकि संताबोम्मली के तहसीलदार जे चलमैय्या ने कहा कि यह किसी दूसरे देश से नहीं आया होगा. उन्होंने कहा कि रथ का इस्तेमाल भारतीय तट पर कहीं किसी फिल्म की शूटिंग के लिए किया गया होगा. लेकिन उच्च ज्वार की गतिविधि( high tidal activity) ने इसे श्रीकाकुलम तट पर ले आई.
मठ जैसा है आकार
समुद्र में बहते रथ को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने उसे रस्सियों से बांधकर किनारे तक पहुंचाया. रथ का आकार दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के एक मठ जैसा है. रथ के चक्रवात असानी के प्रभाव से भटकर यहां पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. चूंकि कम दबाव का क्षेत्र सबसे पहले दक्षिण अंडमान सागर पर बना था, इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि ये रथ म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया या इंडोनेशिया जैसे अंडमान सागर के करीबी किसी देश का हो सकता है.
क्या है ये चक्रवाती तूफान असानी
चक्रवाती तूफान असानी (cyclonic storm Asani) का खतरा फिलहाल टलता जा रहा है. अभी इसका रुख आंध्र प्रदेश की तरफ है. तूफान के 12 मई तक पूरी तरह कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है. हालांकि इसके असर से आंध्र प्रदेश सहित बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में 11 से 13 मई तक बारिश होने तथा तूफानी हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया गया है. आंध्र प्रदेश में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. विशेष राहत आयुक्त,भुवनेश्वर, ओडिशा प्रदीप कुमार जेना के अनुसार, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तक पहुंचने के बाद तूफान विशाखापट्टनम तक आने के बाद फिर समुद्र में मिल जाएगा. इस दौरान ये कमज़ोर हो जाएगा. 12 मई की सुबह चक्रवात पूरी तरह कमज़ोर हो जाएगा.