देशभर में 10 तारीख को ईद उल अजहा (बकरीद) मनाई जानी है. इससे पहले ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिमों से खास अपील की है. असम के धुबरी से सांसद बदरुद्दीन अजमल ने अपील की है कि मुस्लिम ईद उल अजहा पर गाय की कुर्बानी न दें ताकि हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत न हों.
बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि चूंकि ‘कुर्बानी’ त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए गायों के अलावा अन्य जानवरों की बलि दी जा सकती है. धुबरी से सांसद अजमल ने एक बयान में कहा, “हिंदू धर्म का सनातन धर्म गाय को अपनी मां के रूप में मानता है और उनकी पूजा करता है। हमें उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि सामर्थ्य रखने वाले मुस्लिमों की जिम्मेदारी है कि वे कुर्बानी दें. इसमें ऊंट, बकरी और भेड़ों को शामिल कर सकते हैं. अपनी अपील के दौरान अजमल ने कहा कि 2008 में देवबंद की ओर से भी ऐसी ही अपील की गई थी. उन्होंने कहा, “मैं फिर से वही अपील दोहरा रहा हूं और अपने साथी विश्वासियों से एक वैकल्पिक जानवर की बलि देने का आग्रह कर रहा हूं, न कि गाय की, ताकि देश की बहुसंख्यक आबादी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे.”
असम में बीजेपी सरकार ने मवेशी संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया है. इसके तहत मंदिरों के पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ और बीफ उत्पादों की बिक्री और खाने पर रोक लगा दी है.
बदरुदीन अजमल का असम की पॉलिटिक्स में अच्छा दखल है. असम विधानसभा में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के कुल 13 विधायक हैं और वह प्रमुख विपक्षी दल माना जाता है. खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को जोड़कर देखा जाता रहा है. बदरुद्दीन अजमल असम के धुबरी से लोकसभा के सांसद भी हैं, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. अजमल सेंट-परफ्यूम का बिजनेस करते हैं. उनका कारोबार 50 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है. माना जाता है कि उनकी पार्टी AIUDF का बंगाली मूल के मुस्लिमों पर गहरा प्रभाव है.