सुप्रीम कोर्ट ने 10वीं और 12वीं बोर्ड की ऑफलाइन परीक्षाओं (10th-12th Board Exams) को लेकर अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को ऑनलाइन कराने से इनकार कर दिया है. बुधवार को हुई सुनवाई में ऑफलाइन परीक्षाएं रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी परीक्षाओं को लेकर आगे बढ़ें. कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में दखल नहीं देगा.
CBSE के 10वीं, 12वीं के इम्तिहान ऑनलाइन कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि पिछले साल की तरह ही परीक्षा कराने का आदेश दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि और ज्यादा कन्फ्यूजन करना. पहले ही आपने जनहित याचिका के नाम पर ये अर्जी दाखिल कर छात्रों और अभिभावकों के बीच बहुत कन्फ्यूजन किया हुआ है. कोर्ट ने कहा कि आपको जो कहना है ऑथोरिटी को जाकर बताएं.
कोर्ट ने कहा, “पिछले चार दिनों से आप ऐसी जनहित याचिका के जरिए न केवल कन्फ्यूजन बढ़ा रहे हैं, बल्कि छात्रों में झूठी उम्मीदें बढ़ा रहे हैं. ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग है. लोग भी कैसी कैसी याचिका दाखिल कर देते हैं.”
याचिकाकर्ता ने कहा कि आपने पिछले साल भी ऐसी याचिका पर विचार किया गया था. हालात कमोबेश वैसे ही हैं. ऑनलाइन क्लासेज चली हैं, कोर्स पूरा नहीं हुआ, छात्रो को स्कूल में रेगुलर पढ़ाई करने का मौका नहीं मिला है. कोर्ट ने कहा कि बोर्ड और परीक्षा से जुड़ी ऑथोरिटिज को भी सब पता है. हमारे दखल देने का कोई मतलब नहीं है. ये याचिका कतई उचित नहीं है. आप ऐसी याचिका दायर करने से बाज आएं. हम तो आप पर आर्थिक दंड भी लगाना चाहते हैं, लेकिन अभी हम सिर्फ इसे खारिज कर रहे हैं.
बता दें कि वकील और बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने अर्ज़ी दाखिल कर ऑफलाइन परीक्षा के बजाए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से कराने की मांग की थी. याचिका में सभी राज्य बोर्ड, CBSE और ICSE की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड शारीरिक तौर पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी. याचिका में सभी बोर्डों को समय पर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी मांग थी. याचिका में कहा गया है कि कोविड के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं लगीं. ऐसे में बोर्ड की परीक्षाओं को ऑनलाइन कराया जाए.