महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने उनकी किसानों के संबंध में की गई मांगों के केन्द्र द्वारा जनवरी अंत तक स्वीकार न किए जाने पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। अन्ना हजारे ने कहा कि वह किसानों के लिए पिछले 3 साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इन मुद्दों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
अन्ना हजारे ने कहा, यह मेरा आखिरी प्रदर्शन होगा। हजारे ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आठ दिसम्बर को किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में उपवास रखा था।
अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने 14 दिसम्बर को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि एमएस स्वामीनाथन समिति की अनुशंसाओं को लागू करने और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने संबंधी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वे भूख हड़ताल करेंगे।
हजारे ने कहा, सरकार केवल खोखले वादे करती है, इसलिए मुझे उस पर अब कोई विश्वास नहीं है। देखते हैं सरकार मेरी मांगों पर क्या कदम उठाती है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है और मैंने उन्हें जनवरी अंत तक का समय दिया है। अगर मेरी मांगें पूरी नहीं हुई, मैं फिर भूख हड़ताल करूंगा। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागाडे ने अन्ना हजारे से मुलाकात की थी और उन्हें केन्द्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के बारे में अवगत कराया था।
एक महीने से अधिक समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉर्पोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।