एंटीलिया केस और मनसूख हिरेम मौत मामले में एनआईए ने बड़ा एक्शन लिया है। एंटीलिया केस की जांच कर रही एनआईए (NIA) ने मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज काजी को रविवार को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज काजी (Riyaz Kazi) ने एंटीलिया केस की साजिश में सचिन वाझे (Sachin Vaze) की मदद की थी।
प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के बाहर मिली विस्फोटक से भरी कार और उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या प्रकरण में यह सचिन वाजे के बाद दूसरी गिरफ्तारी है. NIA ने रियाज काजी से कई बार पूछताछ की है. सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद रियाज काजी NIA के राडार पर था. सचिन वाझे की तरह ही रियाज काजी भी एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर हैं। एंटीलिया केस के अलावा, सचिन वाझे मनसूख हिरने की मौत मामले में भी जांच के दायरे में हैं।
बताया गया कि रियाज काजी वही शख्स था जो सचिन वाजे के घर से सीसीटीवी फुटेज डीवीआर ले गया था. काजी को कथित रूप से नकली नंबर प्लेट खरीदने का भी आरोपी माना जा रहा है. काजी पर कई ऐसे आरोप हैं, जिनकी वजह से एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक रियाज काजी को NIA ने साजिश में शामिल होने और सबूत मिटाने में अहम भूमिका निभाने के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. कुछ दिनों पहले यह भी खबर आई थी कि रियाजुद्दीन काजी सरकारी गवाह बनना चाह रहा है. लेकिन इन सभी खबरों को विराम देते हुए NIA ने आखिरकार काजी को अरेस्ट कर लिया. रियाज काजी को एनआईए हिरासत में लेने के लिए आज कोर्ट में पेश करेगी.
गौरतलब है कि बीते दिनों ही मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो रखने के मामले में एक और नया खुलासा हुआ. एनआईए ने दावा किया कि विस्फोटक रखने के बाद मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे का मकसद एक बड़े एनकाउंटर को अंजाम देना था. फिलहाल वाजे मुंबई की तलोजा जेल में बंद है.
सचिन वाजे का सबसे करीबी है काजी
रियाजुद्दीन काजी 2010 के पुलिस सब इंस्पैक्टर बैच में नियुक्त पुलिस अधिकारी है. काजी 2010 के 102 वें बैच का अधिकारी है. काजी की पहली पोस्टिंग वर्सोवा पुलिस स्टेशन में की गई थी. इसके बाद दूसरी पोस्टिंग ऐंटी चेन स्नैचिंग विभाग में की गई थी. इसके बाद उसकी पोस्टिंग पुलिस सब इंस्पेक्टर से असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर के तौर पर हुई और वह मुंबई क्राइम ब्रांच के सीआईयू यूनिट में आ गया. पिछले साल 9 जून को सचिन वाजे ने सीआईयू के इंचार्ज का पदभार संभाला तब से लेकर अब तक काजी सचिन वाजे के साथ ही काम कर रहा था और उसके हर काम में हाथ बंटाता था. वाजे के सबसे करीबी सहयोगी के रूप में इसे पहचाना जाता है.