अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत पर आज भी फैसला नहीं हो सका. बांबे हाईकोर्ट ने सुनवाई गुरुवार तक टाल दी है. कल दोपहर 2.30 बजे इस मामले पर फिर सुनवाई होगी.
कोर्ट में आर्यन के वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि आर्यन को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया. इस केस की जांच उन्हें जमानत मिलने के बाद भी जारी रह सकती है.
आज अरबाज के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में कहा कि आर्यन, अरबाज और मुनमुन सिर्फ ड्रग्स लेने के लिए आए थे, और कोई साजिश नहीं थी. उन्होंने कहा कि ड्रग्स सिर्फ पर्सनल यूज के लिए थी, इससे ज्यादा कुछ नहीं. देसाई ने कहा, पहली रिमांड में भी किसी कॉन्सपिरेसी की बात नहीं कही गई थी. बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट से कहा गया कि साजिश थी जिसकी वजह से 8 लोगों को अरेस्ट किया गया हालांकि ऐसा नहीं हुआ था.
जिस मामले में हम 20 दिन से ज्यादा वक्त कस्टडी में गुजार चुके हैं, उसमें आज तक कोई गिरफ्तारी हुई ही नहीं है, कॉन्सपिरेसी अलग अपराध है. उन्होंने कहा कि हम 1 साल की सजा वाले अपराध में सिर्फ बेल मांग रहे हैं. जब सजा ही 1 साल है तो कस्टडी क्या जरूरत है. बेल मिलने पर भी जांच चल सकती है. देसाई ने कहा कि एनसीबी जब बुलाएगी तीनों पहुंच जाएंगे, अब बेल मिल जानी चाहिए.

वहीं मुनमुन के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने कहा कि उनकी क्लाइंट ने कभी ड्रग्स नहीं ली. मुनमुन धमेचा के वकील ने कहा, मेरी क्लाइंट फैशन मॉडल हैं. उन्हें वहां बुलाया गया था। पर जैसे ही वह पहुंचीं रेड पड़ गई. उन्होंने ड्रग्स नहीं ली.
नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बांबे हाई कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में आर्यन खान का संबंध अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडीकेट से बताते हुए उनकी जमानत का विरोध किया है. एनसीबी ने तर्क दिया कि आर्यन को जमानत दिया जाना इस मामले की जांच को पटरी से उतार सकता है. दूसरी तरफ, जमानत पर बहस करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि आर्यन अभी युवा हैं. उन्हें जेल के बजाय पुनर्वास केंद्र भेजा जाना चाहिए.
एनसीबी ने सोमवार को आर्यन को बेल मिलने के खिलाफ एफिडेविट दिया था. इसमें लिखा था कि उन्हें शक है कि शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं. यह हलफनामा गवाह प्रभाकर साइल के एनसीबी पर सनसनीखेज आरोप लगाने के संबंध में दिया गया था. एनसीबी की तरफ से कहा गया था. जांच अधिकारी वीवी सिंह ने हलफनामे में लिखा था इस अकेले मामले को देखकर ही आर्यन की बेल रिजेक्ट कर देनी चाहिए.
वहीं बेल के विरोध में यह भी कहा गया था कि आर्यन प्रभावशाली हैं. वह सबूतों से छेड़छाड़ करके जांच प्रभावित कर सकते हैं. आर्यन का इंटरनैशनल लिंक सामने आया है. उनके ड्रग पेडलर्स से कनेक्शन पर जांच के लिए एनसीबी को और वक्त मिलना चाहिए.