2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Encounter) मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी आरिज खान (Ariz Khan) को फांसी की सजा देने का फैसला दिया है. सोमवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) में सजा पर हुई बहस के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरिज को 302 का मुजरिम माना है और इस अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है और आरिज खान को समाज के लिए खतरा बताया है.
आरिज पर 11 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा (Mohan Chand Sharma) के परिवार को दिए जाएंगे. कोर्ट ने आरिज खान को IPC की धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया था. आरिज खान ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाई थी जिससे उनकी जान चली गई. कोर्ट ने आरिज को हत्या, हत्या की कोशिश जैसी IPC की धारा संगीन धाराओं 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया.
19 सिंतबर 2008 को हुए इस एनकाउंटर में आरिज खान और शहजाद पुलिस टीम पर हमला करके फरार हो गए थे. इसमें शहजाद को पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है जबकि आरिज खान फरवरी 2018 में गिरफ्तार हुआ था. इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित आतंकी आरिज खान को साल 2018 में नेपाल से गिरफ्तार करके यहां लाया गया था. वह घटना के बाद दिल्ली से भागकर वहां छिप गया था. उसे देश के विभिन्न हिस्सों में हुए बम धमाकों की साजिश में शामिल बताया गया था.
बाटला हाउस एनकाउंटर में 26 लोगों की मौत
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के कई इलाकों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे, ब्लास्ट में 26 लोगों की जान गई थी और करीब 133 घायल हुए थे, ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की बात सामने आई थी. मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 19 सितंबर 2008 को खबर मिली थी कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के कई आतंकवादी आरिज खान, आतिफ अमीन, मोहम्मद साजिद, मोहम्मद सैफ और शहजाद अहमद बाटला हाउस की बिल्डिंग L-18 के फ्लैट में मौजूद हैं. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा अपनी टीम के साथ आतंकियों को पकड़ने के लिए पहुंची तो आतंकियों और पुलिस के बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो थे.
लखनऊ के कोर्ट में पहला बम धमाका
पुलिस के मुताबिक, साल 2007 में लखनऊ कोर्ट में आरिज खान ने पहला बम धमाका किया था और ठीक धमाके से 5 मिनट पहले सभी मीडिया हाउस को मेल भेजकर इसकी जानकारी दी थी. जिसके बाद इंडियन मुजाहीद्दीन का नाम पहली बार सामने आया था. नंवबर 2007 में वाराणसी, फैजाबाद और लखनऊ में बम धमाके किए गए थे क्योंकि लखनऊ की कोर्ट में जैश के 3 आतंकियों की वकीलों ने पिटाई की थी.
इसके बाद आरिज ने बाकी आतंकियों के साथ मिलकर साल 2008 में जयपुर, अहमदाबाद, सूरत और दिल्ली में बम धमाकों की योजना बनाई और धमाके किए. इन बम धमाकों में 165 लोगों की मौत हुई थी और 535 घायल हुए थे.