प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धोखाधड़ी के एक मामले में ओमकार ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने ओमकार समूह और सचिन जोशी (Sachin Joshi) की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क किया है। लोन फ्रॉड केस (Loan Fraud case) में केंद्रीय एजेंसी ने पीएमएलए 2002 के तहत 410 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है।
ईडी के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि लगभग 330 करोड़ रुपये के फ्लैट्स को बिक्री भवन के टॉवर सी यानि ओमकार 1973 के वर्ली में मेसर्स ओमकार समूह और एक कंपनी से संबंधित लगभग 80 करोड़ रुपये मूल्य के पुणे के विरम में स्थित एक खुली भूमि को अटैच किया है। यह सचिन जोशी के स्वामित्व में है। ईडी ने सिटी चौक पुलिस स्टेशन, औरंगाबाद द्वारा 2020 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
एक साल पहले से चल रही है कार्रवाई
एजेंसी ने पिछले साल जनवरी में तलाशी ली थी और मेसर्स ओआरडीपीएल के प्रबंध निदेशक बाबूलाल वर्मा, मेसर्स ओआरडीपीएल के अध्यक्ष कमल किशोर और बाद में सचिन जोशी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने पहले 26 मार्च, 2021 को मामले में मुंबई में सत्र न्यायालय के समक्ष अभियोजन शिकायत दायर की थी।
ईडी ने जांच के दौरान पाया कि मेसर्स सुराणा डेवलपर्स वडाला, एलएलपी, मेसर्स ओआरडीपीएल की एक सहयोगी संस्था, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों की संख्या और एफएसआई के माध्यम से धोखाधड़ी से 410 करोड़ रुपये की ऋण राशि हासिल की थी।
410 करोड़ रुपये में से, ओंकार समूह के बिक्री भवन में 330 करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग किया गया। सेवाओं और निवेश की आड़ में सचिन जोशी और उनके वाइकिंग समूह की कंपनियों के माध्यम से लगभग 80 करोड़ रुपये की राशि का लॉड्रिंग किया गया। ईडी पिछले एक साल में हजारों करोड़ की अवैध संपत्तियों का पता विभिन्न समूहों के यहां छापा मारकर लगा चुकी है।
गौरतलब है कि ओमकार ग्रुप ने तमाम बैंकों से हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसमें 450 करोड़ रुपए का कर्ज यस बैंक का है। यह कर्ज मुंबई में स्लम (झोपड़पटि्टयों) को बिल्डिंग बनाने के लिए (स्लम रिहैबिलेशन) के लिए लिया गया था। ईडी ने इस मामले में ओमकार ग्रुप के 10 परिसरों पर छापेमारी भी की थी। ओमकार ग्रुप की जांच इससे पहले मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा भी कर रही थी। 2019 में इस बिल्डर कंपनी के खिलाफ एक पिटीशन फाइल की गई थी। इस पिटीशन में यह आरोप लगाया गया था कि ओमकार ग्रुप और गोल्डन एज ग्रुप ने गलत काजगात पेश कर लोन लिया। यह कागजात झोपड़पटि्टयों से संबंधित थे।