दीवाली आने से पहले ही केंद्र सरकार ने देश के लोगों को तोहफा दे दिया है। केंद्र सरकार ने देश की गरीब आबादी को बड़ी राहत देते हुए मुफ्त राशन देने की स्कीम को तीन महीने और बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिलेगा।
इस बात की जानकारी आज केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉफ्रेंस में दी। पीसी में अनुराग ठाकुर ने बताया कि त्योहारी सीजन को देखते हुए गरीब कल्याण अन्न योजना को तीन महीने तक जारी रखने का फैसला लिया गया है। अब लोगों को दिसंबर 2022 तक हर महीने फ्री अनाज मिलता रहेगा।
यह स्कीम 30 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। इससे पहले सरकार ने स्कीम को तीन महीने यानी इस साल के अंत तक के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को भी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में भी 4 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है।
गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को 44,762 करोड़ खर्च करने होंगे। सरकार ने अप्रैल 2020 में पीएमजीकेएवाई योजना शुरू होने के बाद से अब तक 3.45 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि शुक्रवार को समाप्त हो रहे 80 करोड़ गरीबों को हर महीने 5 किलो गेहूं और चावल मुफ्त देने की योजना अब 31 दिसंबर, 2022 तक चलेगी। एक अक्टूबर से तीन महीने में 122 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त दिया जाएगा। इस योजना को कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए शुरू किया था।
4 फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता
अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में एक जुलाई 2022 से 4 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला किया है। इससे करीब 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 1 जुलाई, 2022 से क्रमशः अधिक महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) के हकदार हो जाएंगे। कर्मचारियों के डीए में वृद्धि से केंद्र सरकार को हर साल 6,591.36 करोड़ रुपए अधिक खर्च करना होगा। वित्त वर्ष 2022-23 (जुलाई, 2022 से फरवरी, 2023 तक 8 महीने) में केंद्र सरकार को 4,394.24 करोड़ रुपए अधिक खर्च करना होगा।
पेंशनभोगियों के मामले में केंद्र सरकार को 6,261.20 करोड़ रुपए हर साल अधिक खर्च करना होगा। वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार 4,174.12 करोड़ रुपए अधिक खर्च करेगी। चालू वित्त वर्ष में महंगाई भत्ते और महंगाई राहत दोनों के कारण राजकोष पर 12,852.56 करोड़ रुपए प्रति वर्ष और 8,568.36 करोड़ रुपए का संयुक्त प्रभाव पड़ेगा।