अब देश में 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना रोधी वैक्सीन लग सकेंगी. सरकार ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech Vaccine) की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. बच्चों को कोवैक्सीन (Covaxin) की दो खुराक दी जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी की जाएगी.
रिपोर्ट में यह बताया जा रहा है कि बच्चों को भी बड़ों की तरह कोवैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन की दो खुराकों के बीच 28 दिनों का अंतर रखना होगा. अब तक हुए ट्रायल के दौरान इस वैक्सीन से बच्चों को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
दवा नियामकों ने भारत बायोटेक को इस साल मई में बच्चों पर परीक्षण करने की अनुमति दी थी. यह ट्रायल सितंबर में पूरा किया गया. 6 अक्टूबर को ही कंपनी ने सत्यापन तथा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आंकड़े CDSCO को सौंप दिए थे.
बता दें यह वैक्सीन प्री फिल्ड सिरिंज यानी पहले से भरी होगी. इसमें भी 0.5ml की ही खुराक होगी. 2 साल तक के बच्चों के मामले में अधिक खुराक से दिक्कत हो सकती है और इसलिए बच्चों के टीके के लिए एक PFS मैकेनिज्म पर जोर दिया गया. पहले से भरे हुए 0.5ml टीके को एक बार प्रयोग करके फेंक देना होगा.
बता दें कि आईसीएमआर-एनआईवी की निदेशक ने सितंबर तक बच्चों का कोरोना टीका आने का दावा किया था, लेकिन दाम पर सहमति नहीं बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका था. सरकार टीके के दाम में कमी चाहती है. अब देश में बच्चों के लिए कोरोना टीके को मंजूरी दे दी गई. बताया यह जा रहा है कि सबसे पहले उन बच्चों को कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जा सकती है, जो अस्थमा आदि बीमारी से ग्रस्त हैं.
हालांकि वैक्सीन कंपनी को अनुमति देने की प्रक्रिया में चार अलग शर्तें जोड़ी गई हैं जो 18+ के वैक्सीनेशन प्रॉसेस में नहीं है.
– पहली शर्त यह है कि भारत बायोटेक को अप्रूव्ड क्लिीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल के अनुसार स्टडी जारी रखनी होगी.
– वहीं दूसरी शर्त है कि भारत बायोटेक को अपडेटेड प्रिस्क्राइबिंग इंफॉर्मेशन/पैकेज इंसर्ट (पीआई), प्रॉडक्ट्स की खासियत की समरी (SMPC) और फैक्टशीट देनी होगी.
– तीसरी शर्त है कि भारत बायोटेक को पहले दो महीनों के लिए हर 15 दिन पर और उसके बाद मासिक आधार पर AEFI और AESI के डेटा समेत सेफ्टी डेटा भी पेश करना होगा. भारत बायोटेक इस डेटा का विश्लेषण क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के तहत करेगी.
– भारत बायोटेक के लिए चौथी शर्त यह है कि उसे रिस्क मैनेजमेंट प्लान पेश करना होगा. इसके अलावा सभी शर्तें और नियम वही हैं जो व्यस्कों को टीका लगाने के लिए लागू की गई है.