राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की. NIA की ओर से आज सुबह ही उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली समेत 13 राज्यों में कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की गई है और इस दौरान अलग-अलग जगहों पर 106 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इनमें PFI के कई प्रमुख नेता भी शामिल हैं।
ये तलाशी आतंकवाद को फंडिंग करने, ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल व्यक्तियों के घरों और कार्यालयों में की जा रही है।
जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं. राजधानी दिल्ली से भी 3 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश से 8 लोग पकड़े गए हैं.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर आज सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और राज्य पुलिस की मदद से यह छापेमारी की गई है. पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने की बैठक
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एएनआई की ओर से पीएफआई के ठिकानों पर मारी गई छापेमारी को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और गृह सचिव के साथ अहम बैठक की है.
पीएफआई अध्यक्ष गिरफ्तार
NIA और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA सलाम के अलावा PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान PFI कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
कई राज्यों के PFI चीफ गिरफ्तार
छापेमारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों के कई राज्यों के चीफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। PFI दिल्ली स्टेट प्रेसिडेंट परवेज अहमद को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा केरल और मध्य प्रदेश के पीएफआई चीफ को गिरफ्तार किया गया है। मध्यप्रदेश के PFI प्रमुख अब्दुल करीम गिरफ्तार, मोहम्मद खालिद छीपा को भी किया गया गिरफ्तार, इंदौर से हुई गिरफ्तारी, जांच टीम ने सुबह 4 बजे दोनों को घर से उठाया, इंदौर से जावेद नाम का शख्स भी अरेस्ट, उज्जैन से चौथी गिरफ्तारी मोहम्मद जमील की हुई है।
किस राज्य से कितनी गिरफ्तारियां हुईं
NIA, ED और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमों ने 11 राज्यों में अब तक कुल 106 PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसमें आंध्र प्रदेश-5, असम-9, दिल्ली-3, कर्नाटक-20, केरल-22, मध्यप्रदेश-4, महाराष्ट्र-20, पुडुचेरी-3, राजस्थान-2, तमिलनाडु-10 और यूपी से 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन
जांच एजेंसी की इस कार्रवाई के विरोध में कई जगह PFI और SDPI के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक के मंगलुरु में NIA की कार्रवाई के खिलाफ PFI और SDPI के समर्थकों ने प्रदर्शन किया। साथ ही तमिलनाडु के डिंडुगल में NIA की कार्रवाई के विरोध में PFI के 50 से अधिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
पुलिस बल की जबरदस्त तैनाती
जांच एजेंसियों की रेड के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कई जगह तो सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई थी। सीआरपीएफ के जवानों ने कई जगह रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया था।
इससे पहले 18 सितंबर को भी हुई थी छापेमारी
बता दें कि इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे। बताया जा रहा है कि दोनों राज्यों में 23 से ज्यादा टीमें तलाशी अभियान चला रही हैं।
PFI क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, दक्षिण भारत में कई संगठन सामने आए थे, जिनमें से कुछ को मिलाकर PFI का गठन किया गया था।
PFI खुद को अल्पसंख्यक समुदायों, दलितों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध एक नव-सामाजिक आंदोलन के रूप में बताता है। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है।
कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।