मुंबई पुलिस ने ‘बुली बाई’ मामले की मुख्य आरोपी एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है. महिला पर बुली बाई नाम के ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड करने और नीलामी करने का आरोप है. उत्तराखंड से गिरफ्तार हुई इस महिला पर आरोप है कि इसने ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की थीं और उनकी बोली लगाई थी. महिला को जांच के लिए मुंबई लाया जा रहा है. उसे ट्रांजिट रिमांड के लिए उत्तराखंड कोर्ट में पेश किया जाएगा.
इससे पहले सोमवार को बेंगलुरु से 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अदालत ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार इंजीनियरिंग छात्र को 10 जनवरी तक मुंबई पुलिस की हिरासत में भेज दिया है. दोनों मामले में सह-आरोपी हैं और एक-दूसरे को जानते हैं. पुलिस के मुताबिक, वे फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्त हैं। इसलिए एक-दूसरे से संपर्क में रहते थे.
एक दिन पहले बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान विशाल कुमार के रूप में हुई है. मुंबई पुलिस साइबर सेल की डीसीपी रश्मि करंदीकर ने 10 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तारी किया. पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी ‘बुली बाई’ ऐप से जुड़े तीन खातों को संभाल रहा था.
समाचार एजेंसी एएनआई ने मुंबई पुलिस के हवाले से कहा, “कुमार ने Khalsa Supremacist के नाम से एक खाता खोला. 31 दिसंबर को उसने अन्य खातों के नाम बदलकर सिख नामों से मिलते-जुलते नाम रख दिए. इस तरह से नकली खालसा खाताधारकों को दिखाया गया.” दरअसल, पंजाबी लोगों के नाम जानबूझकर रखे गए, ताकि एजेंसियों को लगे कि ये ऐप डेवलप करने वाले पंजाबी हैं.
विशाल कुमार जिसे बेंगलुरु से पकड़ा गया है, उसकी और उत्तराखंड की महिला की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिये हुई थी. विशाल से उत्तराखंड की महिला ने सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम के जरिये पहले गहरी दोस्ती की और बाद में उसे ‘बुली बाई’ ऐप से जोड़ा. उत्तराखंड की महिला के साथ एक और लड़के की दोस्ती है जो अब भी फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.
क्या था ‘बुली बाई’ ऐप का मकसद
अब तक की जांच से जो सामने आया है उसके मुताबिक उत्तराखंड की महिला ने फरार आरोपी के साथ मिल कर फैंटेसी के लिए ये ‘बुली बाई’ ऐप डेवलप किया और मुस्लिम समाज की प्रतिष्ठित लड़कियों और महिलाओं के फोटो सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक जैसे हैंडल से डाउन लोड करके उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर अपलोड कर दिया. इस मामले का मास्टर माइंड क्या और भी कोई है, कितने और लोग इस महिला के इस आईटी गैंग में शामिल हैं… इन तमाम चीजों कि जांच मुंबई साइबर सेल कर रही है.
दिल्ली पुलिस 1 जनवरी को दर्ज की थी एफआईआर
दिल्ली पुलिस ने मेजबान मंच ‘गिटहब’ के ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने की शिकायत मिलने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ एक जनवरी की रात को प्राथमिकी दर्ज की थी.
मुंबई साइबर पुलिस थाने ने भी ऐप को विकसित करने वालों और इसे प्रोत्साहित करने वाले ट्विटर हैंडल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था. एफआईआर के मुताबिक बुली बाई एक ऐसा एप्लिकेशन है जहां पर नामचीन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर पोस्ट कर उनकी बोली लगाई जाती थी.
इस मामले पर कई लोगों ने सवाल उठाए थे और लोगों की शिकायतें मिलने लगी थी, जिसके बाद मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की धारा 354D, 509, 500, 153A, 295A, 153B, IT की धारा 67 की सबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और जांच शुरू कर दी थी.
गौरतलब है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए सूचीबद्ध किया गया. इससे पहले पिछले साल जुलाई में भी दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने ऐसा एक मामला दर्ज किया था. तब भी एक अज्ञात समूह द्वारा ‘सुल्ली डील्स’ मोबाइल ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें साझा करने के बारे में इस तरह की शिकायत दर्ज की गयी थी.