कॉमेडियन कपिल शर्मा की शिकायत के आधार पर दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में मुंबई पुलिस ने कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया के बेटे बोनिटो छाबड़िया को गिरफ्तार कर लिया. कपिल शर्मा ने बीते साल दिलीप, उनके बेटे बोनिटो और अन्य लोगों के खिलाफ 5.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया था.
कपिल शर्मा (Kapil Sharma) ने पिछले साल कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया (Dilip Chhabria) और उसके बेटे बोनिटो छाबड़िया (Bonito Chhabria) समेत अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया था. मुंबई की क्राइम ब्रांच ने दिलीप को पहले ही एक अन्य केस में जेल की सलाखों के पीछे डाला हुआ है. वहीं, अब उनके बेटे बोनिटो छाबड़िया को भी गिरफ्तार कर लिया है.
अधिकारी ने बताया कि शर्मा ने पिछले साल मुंबई पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी और आरोप लगाया था कि दिलीप छाबड़िया एवं अन्य ने उनसे 5.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. शिकायत में शर्मा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने लिए एक वैनिटी बस को डिजाइन करने के लिए मार्च और मई 2017 के बीच छाबड़िया को पांच करोड़ रुपये दिए थे. लेकिन 2019 तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई, जिसके बाद शर्मा ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) से संपर्क किया.
इसके बाद पिछले साल छाबड़िया ने कपिल शर्मा को पार्किंग फीस के रूप में 1.20 करोड़ रुपये का बिल भेजा. यह पार्किंग फीस उस जगह के लिए थी, जहां वैनिटी वैन रखी जाने वाली थी. जब कपिल को वैनिटी वैन नहीं मिली और ऊपर से 1.20 करोड़ रुपये का और बिल कंपनी ने थमा दिया तो कॉमेडियन ने पुलिस से संपर्क किया. सितंबर 2020 में, कपिल शर्मा ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से संपर्क किया और छाबड़िया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
उन्होंने बताया, ‘मामले में पूछताछ के दौरान बोनिटो छाबड़िया की भूमिका सामने आई. इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया और बाद में अपराध शाखा ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.’ पिछले साल मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कई करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाला के संबंध में दिलीप छाबड़िया को गिरफ्तार किया था.
बता दें कि कुछ समय पहले ही दिलीप को एक अन्य जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद दिलीप की बहन कंचन को भी गिरफ्तार किया गया. कंचन, अपने भाई दिलीप की कंपनी की सीईओ हैं.
बता दें कि दिलीप छाबड़िया कार डिजाइनिंग इंडस्ट्री का एक जाना माना नाम हैं. उन्होंने शाहरुख खान जैसे सितारों की वैनिटी वैन भी डिजाइन की हुई है. वह गाड़ियों को एक नया रूप देने में माहिर हैं. दिलीप की कंपनी को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी कार को डिजाइन करने के प्रोजेक्ट मिलते हैं.