17 तोपों की सलामी की गूंज के बीच देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए. दोपहर दो बजे दिल्ली के 3, कामराज मार्ग स्थित उनके घर से निकली अंतिम यात्रा में हजारों लोग हमसफर बने.
आंखें नम थीं, लेकिन वीरता का गर्व भी था और उसके सम्मान में पुष्पवर्षा करते रहे. मां भारती के वीर सपूत के लिए नारे लगाते रहे. सीडीएस रावत और उनकी पत्नी को उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने रुढ़ियों को तोड़ते हुए मुखाग्नि दी. यही नहीं जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शव भी एक साथ ही चिता पर रखे गए थे.
जनरल बिपिन रावत किस कद के सैन्य अधिकारी थे, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इजरायल, अमेरिका, फ्रांस और रूस समेत कई देशों ने उनकी मौत पर शोक जाहिर किया. यही नहीं उनके निधन को अपने एक गहरे दोस्त को खोने जैसा बताया था.
इस मौके पर जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई का परिवार, मधुलिका रावत की फैमिली के लोग भी मौजूद थे. यही नहीं बड़ी संख्या में सैनिकों के परिवार, राजनीतिक हस्तियां, कई देशों के सेनाध्यक्ष और राजनियक भी मौजूद थे
इससे पहले जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बेस हॉस्पिटल से उनके आवास लाया गया. यहां सीजेआई एनवी रमन्ना, तीनों सेनाओं के प्रमुख, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीडीएस बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों कृतिका और तारिनी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां इकट्ठा हुए लोगों ने बिपिन रावत को याद करते हुए नारे भी लगाए – जब तक सूरज-चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के दौरान श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश की सेनाओं के कमांडर भी पहुंचे.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बरार स्क्वायर श्मशान घाट पहुंचकर CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की.
बुधवार को दोपहर 12:08 बजे तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य अफसरों की मौत हो गई थी. विमान में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें से एक विंग कमांडर वरुण सिंह ही जीवित हैं और उनकी हालत भी चिंताजनक बनी हुई है. इसके बाद गुरुवार शाम को जनरल बिपिन रावत समेत सभी सैनिकों के शवों को दिल्ली लाया गया था और सुबह जनरल रावत और उनकी पत्नी का शव 3,कामराज मार्ग स्थित उनके घर पर पहुंचा था. सुबह से ही उनके घर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वाली हस्तियों और आम लोगों का तांता लगा था.