लंबे समय से सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर (Twitter) के साथ जारी विवाद के बीच इस बार केंद्र सरकार ने इस कंपनी को आखिरी चेतावनी दी है. सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है. और कहा कि नए आईटी नियमों को मान लें और लागू करें, वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहें।
इस नोटिस में सरकार ने ट्विटर को दो टूक कहा कि वह 26 मई से सोशल मीडिया के लिए लागू की गई शर्तों का तुरंत पालन करे और अगर ट्विटर ने ऐसा नहीं किया तो सरकार भी ट्विटर पर क़ानूनी कार्रवाई कर सकती है।
सरकार ने कहा कि ट्विटर इंडिया (Twitter India) को नए नियमों का तुरंत पालन करने के लिए एक अंतिम नोटिस दिया गया है, जिसके विफल होने पर आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 के तहत उपलब्ध दायित्व से छूट गंवा देगी और ट्विटर आईटी अधिनियम और भारत के अन्य दंड कानून के अनुसार परिणामों के लिए उत्तरदायी होगा। इतना ही नहीं, सरकार ने ट्विटर से अनुपालन अधिकारी के अलावा कंपनी के एक कर्मचारी को शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क कर्मी नियुक्त करने को कहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (Electronics and Information Technology) मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती.सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर उसे भारत में रहना है तो उसे देश के नियम कायदे कानून मानने ही पड़ेंगे.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती.’
बताया जा रहा है कि ट्विटर को आखिरी चेतावनी जारी करने से पहले केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद की अध्यक्षता में संचार और कानून और न्याय और आईटी के प्रमुख वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक 4 जून को हुई थी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, कुछ घंटे बाद ट्विटर ने फिर से अकाउंट को सत्यापित कर दिया और ब्लू टिक लौटा दिया। इतना ही नहीं, ट्विटर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है।
इससे पहले गूगल और फेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसी दिग्गज कंपनियों ने नए आईटी दिशानिर्देशों के अनुरूप वैधानिक अधिकारियों को नियुक्त करने पर सहमत जताई थी लेकिन ट्विटर (twitter) ने नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया था।