केंद्र सरकार ने सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स (Cigarette and tobacco Products) की बिक्री की परमिशन के लिए उम्र बढ़ाने के लिए एक बिल तैयार किया है. सरकार ने धूम्रपान (Smoking) की कानूनी उम्र 21 साल करने की तैयारी कर ली है. सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद संशोधन अधिनियम, 2020 का मसौदा बना लिया है. सिगरेट पीने की आयु सीमा को बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रावधान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry Of Health) द्वारा शुरू किए जा रहे नए विधेयक का हिस्सा है.
मसौदे में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी भी अन्य तंबाकू उत्पादों का तब तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादन, आपूर्ति या वितरण नहीं करेगा, जब तक कि सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद के हर पैकेज के लिए उत्पादन, आपूर्ति या वितरण को लेकर न्यूनतम मात्रा निर्धारित न की गई हो. इस विधेयक में सेक्शन 7 को संशोधित किया जा रहा है.
इसमें कहा गया है की सिगेरट या अन्य तम्बाकू उत्पाद सील पैक अवस्था में होना चाहिए. इस धारा 7 के उल्लंघन पर दो साल की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, जबकि अधिकतम सजा पांच साल की जेल या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है.
विधेयक में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन और आपूर्ति और वितरण का निषेध) अधिनियम, 2003 में संशोधन करने का प्रयास किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों के तहत कोई भी व्यक्ति, सिगरेट या किसी अन्य तंबाकू उत्पाद की बिक्री, या बिक्री की अनुमति 21 वर्ष या इससे कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को बेचने की पेशकश नहीं कर सकेगा.
सार्वजनिक स्थानों पर सिगेरट पीने के जुर्माने पर भी बड़ा इज़ाफ़ा होगा. फिलहाल देखा गया है की लोग सार्वजनिक स्थानों पर सिगेरट का सेवन करते है लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती. दुकानदार सिगरेट बेचते है जिससे लोग आसानी से एक या दो की संख्या में इसे लगातार खरीदते है और सेवन करते है. स्कूल और कॉलेजों के करीब भी तंबाकू बिकता है जिससे बच्चों में गलत आदतें पड़ती है. अगर कानून लागू होगा तो इन सब बातों का हल निकल सकता है.