महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की. पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक हुई। मुख्यमंत्री के साथ राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) और लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) भी प्रधानमंत्री से मिले थे. मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने बताया कि कुल 12 मुद्दों पर पीएम के साथ चर्चा हुई और उन्होंने इन पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है.
बैठक के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत सकारात्मक रही. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री से यह अधिकृत भेंट थी, जिसके कारण सबको पता हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ 30 मिनट तक व्यक्तिगत चर्चा भी हुई. उन्होंने कहा कि सत्ता में साथ नहीं होने से रिश्ते खत्म नहीं हो जाते. बालासाहेब ठाकरे के समय से यह नाता है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि पीएम मोदी के साथ मराठा आरक्षण, राजनीतिक आरक्षण, मेट्रो शेड, जीएसटी कलेक्शन, फसल बीमा और चक्रवात से हुए नुकसान समेत 12 जरूरी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। मोदी से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से मराठी भाषा को केंद्र की ओर से स्टेटस दिए जाने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मराठा आरक्षण पर जो नई याचिका दाखिल की है, उस पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, “पीएम से मांग की है कि कोविड महामारी में जीएसटी का पैसा राज्य को जल्द से जल्द मिले. साथ ही महाराष्ट्र में जो ताउते तूफान आया था, उसको लेकर केंद्र सरकार से सहायता मांगी है.”
मराठा आरक्षण के मसले पर राज्य सरकार के मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अब आरक्षण को लेकर राज्य से ज्यादा ताकत केंद्र के पास है, ऐसे में केंद्र सरकार को इस मामले में आगे बढ़कर कदम उठाना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सभी का पक्ष रखना चाहिए। अजित पवार ने कहा कि आरक्षण का मसला सिर्फ महाराष्ट्र का नहीं है बल्कि देशभर का है। वहीं, जीएसटी को लेकर कहा कि हमारा 24 हजार करोड़ रुपये का हिस्सा मिलना बाकी है। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इसे जल्द से जल्द हमें दिया जाए।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि तूफान प्रभावितों के लिए मदद की शर्तों और मापदंडों पर भी बातचीत हुई. उन्होंने कहा, “मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने, किसानों के लिए फसल बीमा को लेकर, कंजूरमार्ग में मेट्रो कारशेड के लिए जगह, 50 फीसदी आरक्षण सीमा को शिथिल करने जैसे मुद्दों पर उनसे बातचीत हुई.”
एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने से संबंधित 2018 का आरक्षण कानून रद्द कर दिया था. इसके बाद पिछले महीने सीएम उद्धव ठाकरे ने मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग में जोड़ने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा था, ताकि वे आरक्षण का लाभ उठा सकें.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई को आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग (EWS) श्रेणी के तहत दिये जाने वाले आरक्षण का लाभ मराठा समुदाय को देने की घोषणा की थी. सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि मराठा समुदाय 10 फीसदी EWS आरक्षण का लाभ ले सकता है.