उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में अराजक तत्वों द्वारा माहौल खराब करने और दंगा भड़काने की कोशिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया. पुलिस ने तीन मस्जिदों समेत चार स्थानों पर आपत्तिजनक पोस्टर, धार्मिक ग्रंथों की प्रतियां और पोर्क फेंकने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सात आरोपियों की पहचान महेश कुमार मिश्रा, प्रत्यूष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौर उर्फ गुंजन, बृजेश पांडे, शत्रुघ्न प्रजापति और विमल पांडे के रूप में हुई है. सभी आरोपी अयोध्या जिले के रहने वाले हैं.
अयोध्या के SSP शैलेश पांडेय ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 11 लोग इस घटना में शामिल थें, मुख्य आरोपी महेश मिश्रा था. उसने अपने साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया. उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में 7 आरोपी गिरफ़्तार हो गए हैं और बाकि 4 लोगों को जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान सामने आया कि वे शहर के सौहार्दपूर्ण माहौल को खराब करना चाहते थे.
एसएसपी ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और शहर में कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है. पुलिस के मुताबिक, तीन मस्जिदों-तातशाह जामा मस्जिद, मस्जिद घोसियाना और कश्मीरी मोहल्ला मस्जिद के बाहर आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकी गईं. इसके अलावा, कोतवाली थाना अंतर्गत गुलाब शाह बाबा के दरगाह पर भी आपत्तिजनक वस्तुएं फेंकी गई थीं.
एसएसपी ने बताया, “महेश मिश्रा के साथ चार मोटरसाइकिलों पर कुल आठ लोगों ने मस्जिदों और दरगाह पर आपत्तिजनक पोस्टर और वस्तुएं फेंकी. जिन आपत्तिजनक वस्तुओं को उन्होंने फेंका था, उन्हें बरामद कर लिया गया है और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों को जब्त कर लिया गया है.” एक बयान में अयोध्या पुलिस ने पूरे मामले में महेश मिश्रा को ‘मास्टरमाइंड’ बताया है.
बयान में कहा गया है कि जहांगीरपुरी हिंसा का बदला लेने के लिए, इसकी पूरी प्लानिंग महेश के घर पर की गई थी. आरोपी अपने साथ कुरान की प्रतियां और पोर्क लाए थे जिसे मस्जिदों के बाहर फेंककर फरार हो गए थे. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 और 295-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.