COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने एक ही बार में दो टीकों और एक एंटी-वायरल दवा को मंजूरी दे दी है. ये नए टीके CORBEVAX और COVOVAX हैं जबकि एंटी-वायरल दवा का नाम मोलनुपिरवीर(Molnupiravir) है. इन दवाओं को आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि CORBEVAX वैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है और तीसरा वैक्सीन भारत में COVID-19 के खिलाफ विकसित किया गया है, जिसे हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई द्वारा बनाया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि नैनोपार्टिकल वैक्सीन, COVOVAX, का निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा. मंडाविया ने बताया कि देश में अब 13 कंपनियों द्वारा एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर का निर्माण किया जाएगा, जिसका उपयोग आपातकालीन स्थिति में COVID-19 के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए प्रतिबंधित उपयोग के लिए किया जाएगा और जिन्हें संक्रमण बढ़ने का उच्च जोखिम है.
गौरतलब है कि देश में कोविड संक्रमण के ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है. इसी कड़ी में वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. बता दें भारत के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के 653 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 186 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या विदेश चले गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को अद्यतन आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. ओमिक्रॉन के महाराष्ट्र में सर्वाधिक 167 मामले पाए गए हैं. इसके बाद दिल्ली में 165, केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं.