कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Corona Second Wave) कमजोर पड़ने के बाद लोग पर्यटन पर निकल पड़े हैं। सरकार ने लोगों को आगाह किया है, पाबंदियां कम होने पर जिस तरह से लोग बिना किसी सावधानी के मौज-मस्ती करने के लिए हिल स्टेशनों पर निकल पड़े हैं, वह कतई सही नहीं है। वे न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। बाजारों में दोबारा भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। यह बेहद खतरनाक है।
यही नहीं मनाली, शिमला जैसे हिल स्टेशनों से ऐसी भी तस्वीरें आई हैं, जिनमें लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी नियमों का पालन करते नहीं दिख रहे हैं। केंद्र सरकार ने कहा है कि यदि लोग नियमों का सही से पालन नहीं करते हैं तो एक बार फिर पाबंदियों में दी गई ढील वापस ली जा सकती है।
People travelling to hill stations are not following COVID-appropriate behaviour. We can nullify the ease in restrictions again if protocols not complied with: Lav Agarwal, Joint Secretary, Health Ministry
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Agarwal) ने कहा, ‘अब तक कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में मिली बढ़त को कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोग खत्म कर सकते हैं।’ स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मनाली (हिमाचल प्रदेश), मसूरी (उत्तराखंड), सदर बाजार (दिल्ली), शिमला (हिमाचल प्रदेश), लक्ष्मी नगर (दिल्ली), दादर मार्केट की तस्वीरें दिखाईं। यहां बाजारों में भारी भीड़ दिख रही है। कहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बेशक नरम पड़ी है, लेकिन अभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहना है। हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग लापरवाही कर रहे हैं। वे कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना उपयुक्त व्यवहार ) का पालन नहीं कर रहे हैं। अगर प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो प्रतिबंधों में ढील फिर रद्द हो सकती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। देश देख चुका है कि कैसे यह वायरस फैलता है। अगर लापरवाही बरती गई तो अब तक मिली सफलता पर पानी फिर जाएगा। उन्होंने कहा कोरोना के मामलों में 30 फीसदी की कमी आई है। जबकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम जैसे राज्यों में अब भी 10 फीसदी से अधिक के पॉजिटिविटी रेट के साथ अधिक मामले सामने आ रहे हैं।