मुंंबई। कोरोना संक्रमण के चलते दूसरी बीमारियों और ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी असर पड़ा था. इसके चलते अस्पतालों में होने वाली बच्चों की डिलीवरी में 18 प्रतिशत की कमी आई है. अस्पताल जाने के डर के कारण कई लोगों ने जोखिम उठाते हुए होम डिलीवरी करवाईं और अब इन्हें बर्थ सर्टिफिकेट पाने में दिक़्क़त हो रही है. आंकड़ों के अनुसार मार्च से नवंबर 2020 तक के नौ माह के दौरान मुंबई के अस्पतालों में बच्चों की डिलीवरी में 18 फीसदी की कमी देखी गई. कोविड-19 संक्रमण से डरे कई लोगों ने घर पर ही डिलीवरी का जोखिम मोल लिया. झुग्गियों और चॉल में ऐसा ख़तरा उठाने वालों की संख्या ज़्यादा रही.
निजी अस्पताल की नर्स तबस्सुम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की गुज़ारिश पर 6 होम डिलीवरी करवा चुकी हैं. इनमें से कई अब बर्थ सर्टिफिकेट के लिए परेशान हो रहे हैं. बहुत से प्राइवेट अस्पताल बंद थे, पेशेंट सरकारी अस्पताल में जाने से डरते थे. गायनोकॉलिजस्ट डॉ. कविता शिरकंडे ने बताया कि जब कोरोना पीक में था तब बहुत सारे पेशेंट जिन्होंने रजिस्टर किया था उनमें से ज्यादातर आए ही नहीं.