महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच आखिरकार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज (29 जनवरी) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच खबर है कि बीजेपी की राज्य में एक बार फिर सरकार बनने जा रही है और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकनाथ शिंदे गुट के समर्थन से बीजेपी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस 1 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है।
हालांकि, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब एकनाथ शिंदे खेमे को यह तय करना है कि वो किस पार्टी के नाम से खुद को परिभाषित करेंगे. क्योकि बिना इसके वें राज्यपाल के समक्ष बीजेपी को समर्थन देने में सक्षम नहीं होंगे।
मुंबई के ताज प्रेसिडेंट होटल में विधायक दल की बैठक के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा “कल (गुरुवार) आपको सब बताएंगे।“ इस बैठक में फडणवीस के साथ राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।
वर्तमान विधानसभा में बीजेपी के पास कुल 106 विधायक हैं। जबकि शिवसेना के बागियों और साथ ही कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में बीजेपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाता है। महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 144 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने फेसबुक लाइव पर कहा, ‘‘मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’’ ठाकरे ने इस्तीफे की घोषणा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की है।
दरअसल महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से बृहस्पतिवार को महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए निर्देश दिया था। इसको लेकर शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत परीक्षण पर रोक लगाने के इनकार कर दिया। इसके बाद ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। यानी अब बहुमत परीक्षण का कोई मतलब नहीं बचा।
उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देते वक्त कहा था कि शिवसेना उनकी पार्टी है और इसे कोई उनसे नहीं छीन सकता है। ठाकरे के इस बयान ने शिंदे गुट के लिए नई चुनौती पेश की है। दरअसल एकनाथ शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना बता रहा है। हालांकि सरकार गठन से पहले समर्थन देने के लिए शिंदे गुट को या तो एक पार्टी के रूप में खुद को साबित करना होगा या फिर उन्हें किसी अन्य दल में शामिल होना होगा। वैसे खुद को असली शिवसेना बता रहे शिंदे गुट के पास इसे साबित करने के लिए प्रयाप्त संख्या बल बताया जा रहा है।