डॉ. पायल तडवी आत्महत्या मामला
मुंबई-उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने मुंबई सेंट्रल स्थित नायर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। डॉ. पायल तडवी आत्महत्या मामले में आरोपी तीन डॉक्टरों को उनके स्नातकोत्तर की पढ़ाई को पूरा करने की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए संगठनों ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस संबंध में नई याचिका दायर करने का अनुरोध किया है। गौरतलब हो कि उच्चतम न्यायालय ने नायर अस्पताल को नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोपी तीनों डॉक्टरों को उनकी बाकी दस महीनों की शिक्षा पूरी करने के लिए अनुमति दी है।
सामाजिक संगठनों ने धरना देते हुए आरोप लगाया कि नायर अस्पताल और राज्य सरकार ने मामले को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।इस अवसर पर स्व. डॉ. पायल के पति डॉ. सलमान तडवी और मां अबेदा तडवी भी उपस्थित थीं। उल्लेखनीय है कि राज्य चिकित्सा परिषद ने भी तीन डॉक्टरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। पीड़िता के परिवार ने मांग की कि राज्य सरकार को पहल करते हुए एक याचिका दायर करनी चाहिए। उन्होंने नायर अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भारमल से भी मांग की कि इन डॉक्टरों पर रैगिंग कमेटी के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाए। इस मामले में 100 से अधिक अस्पताल के गवाह भी हैं लेकिन इनमें से कई के जवाब अभी तक पूरी तरह से दर्ज नहीं किए गए हैं। पीपुल्स यूनियन फॉर लिबर्टीज की संध्या गोखले ने कहा कि तीन डॉक्टरों को इस तरह की राहत मिलने से भविष्य में ऐसी घटनाओं को और बढ़ावा मिलेगा।