प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके फ्लैट और प्लॉट कुर्क कर लिए। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत के अलीबाग प्लॉट और दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को कुर्क किया।
खबरों के मुताबिक, ईडी ने 11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की है। इसमें से 9 करोड़ की प्रॉपर्टी प्रवीण राउत की और 2 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत की पत्नी की है। प्रवर्तन निदेशालय ने राउत की पत्नी की संपत्ति कुर्क की है। इसमें अलीबाग स्थित प्लॉट और दादर स्थित फ्लैट शामिल है।
इस बीच संजय राउत ने भी अपने ऊपर हुई ईडी की कार्रवाई पर रिपोर्टर्स से बात की। उन्होंने कहा, “मैं किसी से नहीं डरता। मेरी संपत्ति जब्त कर लें, या मुझे गोली मार दें या मुझे जेल में डाल दें। संजय राउत बालासाहेब ठाकरे को मानने वाला है और एक शिवसैनिक है। वह लड़ेगा और सबका खुलासा करेगा। मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं। उन्हें घूमने दें। आखिर में जीत सत्य की ही होगी।”
पीएमएलए के तहत हुई कार्रवाई
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमीन के टुकड़े (भूखंड) और फ्लैट को फ्रीज करने के लिए एक अस्थायी कुर्क के आदेश जारी किए हैं। यह कुर्की मुंबई में एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के भूमि ‘घोटाले’ से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी है।
प्रवीण राउत को किया गया था गिरफ्तार
ईडी ने इस मामले में महाराष्ट्र के बिजनेसमैन प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था और बाद में चार्जशीट भी दाखिल की थी। एजेंसी ने पिछले साल संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़े एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले और प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के साथ उनके कथित संबंधों के संबंध में भी पूछताछ की थी।
बता दें कि कुछ समय पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके और उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों के खिलाफ अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। संजय राउत ने आरोप लगाया था कि ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए ‘मंशा’ से किया जा रहा है।
जानें क्या है मामला?
2007 में, एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की सहायक कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों के लिए फ्लैट तैयार करना था और करीब 3000 फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे।
कुल भूमि 47 एकड़ थी। म्हाडा और पात्रा चॉल के किरायेदारों को फ्लैट सौंपने के बाद, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को शेष भूमि को बिक्री और विकास के लिए अनुमति देनी थी। लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने म्हाडा को दिए जाने वाले पात्रा चॉल या किसी अन्य फ्लैट का विकास नहीं किया। बल्कि उसने करीब आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी। प्रवीण राउत, जिन्हें अब ईडी ने गिरफ्तार किया है, एचडीआईएल के सारंग और राकेश वधावन के साथ फर्म के निदेशकों में से एक थे, जो पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं।
मार्च 2018 में, म्हाडा ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। प्रवीण राउत को ईओडब्ल्यू ने फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया था, जबकि सारंग वधावन को उसी साल सितंबर में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
संजय राउत से क्या संबंध है?
ईडी ने मामले में ईसीआईआर दर्ज की और 1 फरवरी को एजेंसी ने प्रवीण राउत और उनके सहयोगी सुजीत पाटकर के आवास कार्यालयों सहित लगभग सात स्थानों पर तलाशी ली। 2 फरवरी को प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया गया था, जबकि ईडी ने पाटकर का बयान दर्ज किया था।
प्रवीण राउत शिवसेना नेता संजय राउत के दोस्त हैं और उनका नाम भी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में जांच के दौरान सामने आया था। पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। इसे लेकर ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत के बयान दर्ज किए थे।