मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को सोमवार की देर रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है. 12 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने पाया कि देशमुख की तरफ से किसी भी सवाल पर संतोषजनक जवाब नहीं दिए गए. ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अब उन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय उन्हें कई बार समन भी जारी कर चुका था, लेकिन हर बार उनके वकील निदेशालय के कार्यालय में उपस्थित होते रहे हैं. सोमवार की सुबह करीब 11:40 पर अनिल देशमुख खुद अपने वकील के साथ साउथ मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अनिल देशमुख से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार की देर रात तक पूछताछ जारी रही. मीडिया की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि ईडी के अधिकारियों ने उनसे तकरीबन 13 घंटे तक पूछताछ की, जिसमें उन्होंने एक भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया. ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अब कोर्ट में पेश किए जाएंगे.
खबर ये भी है कि गिरफ्तारी से पहले अनिल देशमुख का बयान दर्ज किया गया था. उन तमाम आरोपियों के बयान भी देशमुख के सामने रखे गए थे जिनका इस अपराध में सक्रिय योगदान था. लेकिन देशमुख किसी भी सवाल पर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए. वे सिर्फ आरोपों का खंडन करते रहे. लेकिन ईडी ने अपनी जांच के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र पुलिस में 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत एवं वसूली मामले में की जा रही आपराधिक जांच के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एनसीपी के 71 वर्षीय नेता के बयान दर्ज की गई. वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल 2021 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
इससे पहले ईडी द्वारा पांच बार समन जारी किए जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे, लेकिन बंबई हाईकोर्ट के पिछले सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के सामने पेश हुए.