महाराष्ट्र में जारी सियासी-उठापटक के बीच नई सरकार के लिए रास्ता बिल्कुल साफ हो चुका है। सोमवार को विधानसभा में शिवसेना के बागी विधायक व नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बहुमत भी साबित कर दिया। फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्हें 164 विधायकों का समर्थन मिला। वहीं विपक्ष की ओर से सिर्फ 99 वोट ही पड़े।
महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 145 है. इसका मतलब कि शिंदे सरकार को उनको इससे कहीं ज्यादा विधायकों का समर्थन मिला है. इससे पहले, शिंदे सरकार को रविवार को हुए विधानसभा स्पीकर के चुनाव में मिले भी 164 वोट मिले थे.
सोमवार को दो और विधायक शिंदे के समर्थन में आ गए, इनमें श्यामसुंदर शिंदे और संजय बांगर का नाम शामिल है. शिवसेना से आज बागी हुए संजय बांगड़ ने शिंदे के समर्थन में मतदान किया है। उनके अलावा एक और विपक्षी विधायक श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार को वोट दिया। वहीं, महा विकास अघाड़ी के दो बड़े मंत्री अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार समय पर विधानसभा नहीं पहुंचने के कारण वोट नहीं कर पाए हैं.
वोटिंग में पूर्व सीएम अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के 5 विधायक हिस्सा नहीं ले सके। कहा जा रहा है कि ये लोग विधानसभा में 11 बजे के तय वक्त के बाद पहुंचे और तब तक दरवाजे बंद हो चुके थे। ऐसे में उन्हें वोटिंग का मौका नहीं मिल सका। वहीं, शिवसेना के महज 15 विधायकों ने ही पार्टी की व्हिप के आधार पर सरकार के खिलाफ वोट डाला, जबकि 40 विधायकों ने शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया। यही नहीं इस दौरान उद्धव ठाकरे की शिवसेना पहले से भी कमजोर नजर आई।
इससे पहले विधानसभा में विपक्ष ने ध्वनिमत से बहुमत साबित करने की बात पर एतराज जताया। जिसके बाद वोटिंग कराई गई। फिर शिंदे सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े। राज्य में मौजूदा समय में 287 विधायक हैं ऐसे में सरकार बनाने के लिए 144 वोटों की जरूरत थी। जिसे शिंदे ने आसानी से हासिल कर लिया है।
बागी विधायक प्रताप सरनाइक ने जब एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में मतदान किया तो उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसेना विधायकों ने ईडी-ईडी के नारे लगाए। इससे पहले रविवार को स्पीकर के चुनाव में एकनाथ शिंदे सरकार की ओर से घोषित प्रत्याशी राहुल नार्वेकर को 164 वोट हासिल हुए थे। भाजपा के पहली बार के विधायक राहुल नार्वेकर को एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों, भाजपा और कुछ निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया था।