आम आदमी पार्टी के संस्थापक नेताओं में शामिल कुमार विश्वास ने दिल्ली के सीएम और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जो आरोप लगाए थे, उससे पंजाब की सियासत में उबाल आ गया है। वहीं इसी मामले में अब पंजाब चुनाव आयोग भी घिर गया है। चुनाव आयोग ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुमार विश्वास की विस्फोटक टिप्पणी को प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि विवाद होते ही गुरुवार को इस आदेश को रद्द कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग की जानकारी के बिना अतिरिक्त सीईओ ने यह आदेश जारी किया था। कथित तौर पर राज्य के सीईओ द्वारा भी इस आदेश को अनुमोदित नहीं किया गया था। चुनाव आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है। पत्र जारी करने वाले अतिरिक्त सीईओ के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
बता दें कि यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पंजाब की एक रैली में कुमार विश्वास के बयान का सहारा लेकर अरविंद केजरीवाल पर खूब हमला किया। प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “ये लोग पंजाब और देश को तोड़ना चाहते हैं। ये सत्ता पाने के लिए अलगाववादियों से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उनका एजेंडा देश के दुश्मनों और पाकिस्तान के एजेंडे से अलग नहीं है।”
AAP से शिकायत मिलने पर जारी किया था आदेश
पंजाब के अतिरिक्त सीईओ खरबंदा ने आप से शिकायत मिलने के बाद यह आदेश जारी किया था। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) द्वारा कुमार विश्वास के साक्षात्कार का उपयोग करने से राजनीतिक दलों को रोक दिया था।
कुमार ने दावा किया था कि केजरीवाल ने एक बार उन्हें कहा था कि वह या तो पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के प्रधानमंत्री बनेंगे। पत्र में पंजाब के सभी राजनीतिक दलों से यह कहते हुए क्लिप चलाना बंद करने को कहा गया है कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
कुमार विश्वास के वीडियो की जांच हो : चन्नी
देर रात पंजाब सीएम चन्नी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं माननीय नरेंद्र मोदी से अनुरोध करता हूं कि वे डा. कुमार विश्वास के वीडियो मामले में निष्पक्ष जांच का आदेश दें। इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। पंजाब के लोगों ने अलगाववाद से लड़ते हुए भारी कीमत चुकाई है। माननीय पीएम को हर पंजाबी की चिंता दूर करने की जरूरत है।
विश्वास के वीडियो ने बढ़ाया विवाद
कुमार विश्वास ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में दावा किया था कि केजरीवाल पंजाब में सत्ता के लिए अलगाववादी ताकतों का सहारा भी ले सकते हैं। इस वीडियो के आने के बाद पंजाब और आप में हड़कंप मच गया था। आप की ओर से राघव चड्डा ने कुमार विश्वास के आरोपों को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि इन बेइमान ताकतों को कहना चाहूंगा कि पंजाब के लोग इस दुष्प्रचार में फंसने वाले नहीं है। पंजाब के लोग जानते हैं कि ईमानदार केजरीवाल और आप को रोकने के लिए बेईमान ताकत साजिश कर रही है।
केजरीवाल की बढ़ेगी मुश्किलें
वहीं, केजरीवाल अब इस वीडियो के बाद लगातार निशाने पर है। खासतौर पर हिंदू मतदाताओं के बीच केजरीवाल की खासी आलोचना हो रही है। विपक्ष भी इस वीडियो को भूनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। मतदान से दो दिन पहले आए इस वीडियो पर आम आदमी पार्टी हालांकि लगातार सफाई तो दे रही है, लेकिन वह वीडियो विवाद को खत्म नहीं कर पा रही है। आप जितना इस पर सफाई दे रही है, उतना ही सवालों के घेरे में आती जा रही है। आज सुबह से आप की ओर से लगातार वीडियो पर सफाई दी जा रही है। आज ही पंजाब में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन भी है। इसलिए वीडियो पर आप की मुश्किल बढ़ती जा रही है। अब जिस तरह से चुनाव आयोग ने वीडियो न चलाने का पत्र भी वापस ले लिया है। एक बार फिर से यह वीडियो चर्चा में आ रहा है।