मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया. उनके खिलाफ यह कार्रवाई उनके और शहर के कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज वसूली के एक मामले में की गई है.
मुंबई पुलिस ने शनिवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया था और कोर्ट से आग्रह किया था कि गोरेगांव पुलिस द्वारा दायर रंगदारी के मामले में आरोपी परमबीर सिंह को अपराधी घोषित किया जाए. इस मामले में आरोपी परमबीर सिंह और दो अन्य आरोपी विनय सिंह और रियाज भाटी का अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है.
मालूम हो कि मुंबई की अपराध शाखा ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उपनगर गोरेगांव में एक पुलिस थाने में उनके एवं अन्य के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में भगोड़ा आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की थी. सरकारी वकील का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद परमबीर सिंह का कोई पता नहीं चल पाया है कि वह कहां हैं.
विशेष लोक अभियोजक शेखर जगताप ने कहा कि अब पुलिस परमबीर सिंह को वांछित आरोपी घोषित कर सकती है और भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर वह 30 दिनों में कानून के पास नहीं आए तो पुलिस उनकी संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगी.
यह मामला एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता का दावा है कि आरोपियों ने पिछले साल जनवरी से लेकर मार्च 2021 तक उसके दो बार और रेस्त्रां पर छापा नहीं मारने के बदले में नौ लाख रुपए लिए. साथ ही अपने 2.92 लाख रुपये की कीमत के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी मजबूर किया. सरकारी वकील की मानें तो अदालत के इस फैसले से जांच एजेंसियों को परमबीर सिंह को तलाशने में मदद मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत भी मरीन ड्राइव थाने में दर्ज रंगदारी के एक मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है. अन्य अदालतों ने भी मुंबई के गोरेगांव और ठाणे जिले में दर्ज रंगदारी के दो अन्य मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, परमबीर सिंह के खिलाफ अब तक तीन गैर-जमानती वारंट जारी किए जा चुके है.