भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) एक और मामले में घिर गए हैं. परमबीर सिंह के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में रंगदारी का एक केस दर्ज किया गया है. परमबीर सिंह पर एक बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने का आरोप है. ये FIR एक बिल्डर की शिकायत पर दर्ज हुई है जिसने 15 करोड़ की रिश्वत का आरोप लगाया है.
परमबीर सिंह के अलावा 7 अन्य लोगों के खिलाफ भी पुलिस (Mumbai Police) ने एफआईआर दर्ज की है. जिसमें 2 सिविलियन और 6 पुलिस वाले शामिल हैं. इन पुलिसवालों में मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान का नाम भी शामिल है. जबकि अन्य पुलिसकर्मी क्राइम ब्रांच की अलग-अल यूनिट्स में इंस्पेक्टर रैंक पर तैनात हैं. पुलिस ने दो सिविलियन को गिरफ्तार किया है, जिसमें सुनील जैन और पुनमिया नाम का आरोपी शामिल है.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर 2015 से 2018 तक तबादला होने के बाद भी सरकारी आवास का इस्तेमाल करने पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. परमबीर जब ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे तब 2 सरकारी आवासों का इस्तेमाल कर रहे थे.
परमबीर सिंह पर 2018 तक 54 लाख 10 हजार 545 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसमें से उन्होंने 29 लाख 43 हजार का भुगतान कर दिया है, लेकिन अभी भी 24 लाख 66 हजार का भुगतान बाकी है.परमबीर सिंह उस समय मालाबार हिल के नीलिमा अपार्टमेंट में रह रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, 24 लाख रुपये का यह जुर्माना उनके वेतन से या सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले पैसो में से वसूला जा सकता है. परमबीर इस समय होमगार्ड के DG हैं.
परमबीर सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अंबानी आवास के बाहर से एक गाड़ी में विस्फोट मिलने के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था और होमगार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। सिंह ने बाद में महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जिस वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।