महाराष्ट्र होमगार्ड्स के महानिदेशक और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने गुरुवार को सस्पेंड कर दिया. सीएम उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) की मंजूरी के बाद परमबीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक तीन सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद ऑफिस ज्वाइन करने वाले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परमबीर सिंह के निलंबन की फाइल पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी दे दी है.
ऐसे में अब बिना डीजीपी ऑफिस से इजाजत लिए परमबीर सिंह मुंबई छोड़कर नहीं जा सकेंगे. साथ ही जब तक वह निलंबित हैं, तब तक तो किसी निजी कंपनी के लिए या किसी बिजनेस ट्रेड में काम नहीं कर सकेंगे. अगर ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी की ऑर्डर निकाली जा सकती है.
परमबीर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सर्विस रूल का उल्लंघन किया है. सूत्रों के मुताबिक, परमबीर सिंह छुट्टी खत्म होने के बाद भी उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की और ना ही उन्होंने इस संदर्भ में महाराष्ट्र गृह मंत्रालय से सम्पर्क किया. गृह विभाग ने उनसे कई बार सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश की लेकिन सम्पर्क में नहीं आए. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें 29 अगस्त तक की छुट्टी दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी वह ड्यूटी पर नहीं आए.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं. बता दें कि ‘एंटीलिया’ कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से ट्रांसफर कर दिए गए परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था.
विवाद बढ़ने और वसूली के आरोप लगने के बाद परमबीर सिंह मुंबई छोड़कर चले गए. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से छूट मिलने के बाद मुंबई पहुंचे. यहां उनसे कई एजेंसियां पूछताछ कर रही है.
दरअसल, परमबीर सिंह अक्टूबर महीने से ही गायब थे. वह एजेंसियों के सामने तब आए जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी नहीं किए जाने की बात कही. सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सुनवाई के दौरान परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.