कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के हवाले से कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आजाद नई पार्टी बनाएंगे। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे उनके इस्तीफे की चिट्ठी पांच पन्ने की है।
इस चिट्ठी में उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से छोड़ने तक के सफर के बारे में बताया है। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान कांग्रेस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज कांग्रेस रिमोट कंट्रोल मॉडल से चल रही है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी पार्टी के बारे में फैसले ले रहे हैं।
गुलाम नबी आजाद ने अपनी चिट्ठी में राहुल गांधी को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा कि राहुल अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया। राहुल गांधी पर पहले भी पार्ट टाइम पॉलिटिशियन होने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले भी हार्दिक पटेल और हिमंत बिस्वा सरमा ने उन पर समय न देने का आरोप लगाया था।
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखा कि कांग्रेस ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चलाने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, उसको लेकर आजाद ने लिखा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व को ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ करनी चाहिए थी।
दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया। उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है। इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव न कराने को लेकर भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुआ। इसके साथ ही आजाद ने अपने पत्र में जी-23 मामले पर भी लिखा है। उन्होंने लिखा कि जी-23 के नेताओं ने कांग्रेस की कमजोरियां बताई तो उन सभी नेताओं को अपमानित किया गया।
अपने पत्र में आजाद ने कहा कि राहुल के आने से चर्चा की परंपरा खत्म हो गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 की हार के बाद पार्टी की हालत और बदतर हो गई। गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि आज कांग्रेस रिमोट कंट्रोल मॉडल से चल रही है। राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी पार्टी के बारे में फैसला ले रहे हैं। राहुल के नेतृत्व में 39 विधानसभा चुनावों में हार मिली।
पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए आजाद ने लिखा कि कांग्रेस की स्थिति इस हद तक पहुंच गई है कि अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पार्टी इतनी व्यापक रूप से नष्ट हो गई है कि स्थिति अपूरणीय हो चुकी है। उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कहा कि वह कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होगा।
इसके साथ ही आजाद ने कांग्रेस के बाहर संभावित भविष्य के बारे में संकेत दिया। उन्होंने पत्र में लिखा कि मेरे कुछ साथी और मैं उन आदर्शों को कायम रखने के लिए दृढ़ रहूंगा, जिनके लिए हमने अपना पूरा वयस्क जीवन कांग्रेस को समर्पित कर दिया था।