गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड (UCC) को लागू करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि सीएम भूपेंद्र पटेल ने आज कैबिनेट की बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने ट्वीट में बताया कि कमेटी के अध्यक्ष हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज होंगे और इसमें 3-4 सदस्य होंगे।
गुजरात सरकार ने यह फैसला विधानसभा चुनाव से पहले किया है। इस कारण, इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है। इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकारों ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।
क्या है यूनिफार्म सिविल कोड
समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम होने चाहिए। यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा, जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना जरूरी होगा।
कई नेता UCC के समर्थन में
कई नेताओं ने UCC का समर्थन किया है। उनका कहना है कि कि इससे देश में समानता आएगी। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसे एक असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी कदम करार दिया है और कानून को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकारों द्वारा ध्यान हटाने का प्रयास करने के लिए बयानबाजी कहा है। बोर्ड ने कहा कि सरकार को महंगाई, अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी की चिंता नहीं है।
बता दें कि केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह संसद को देश में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है। जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, भाजपा ने सत्ता में आने पर UCC को लागू करने का वादा किया था।