इंडिगो की तरफ से एक दिव्यांग बच्चे घबराने की वजह से विमान में सवार होने से रोकने का मामला सामने आया है। यह घटना शनिवार को रांची एयरपोर्ट की है। मामला सामने आने के बाद उड्डयन नियामक डीजीसीए ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में एयरलाइन से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि लड़के को शनिवार को एयरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि नियामक ने इस मामले में इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा। घटना के बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा 7 मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था।
उसने कहा कि कर्मचारियों ने आखिरी समय तक उसके शांत होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी। इंडिगो ने कहा कि हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं।
इंडिगो एयरलाइंस की ओर से दिव्यांग बच्चे को विमान में चढ़ने से रोकने का मामला केंद्र तक पहुंच गया है। सोमवार को इसे लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद एयरलाइन के CEO ने माफी मांगी है। शनिवार को एक दिव्यांग लड़का अपने माता-पिता के साथ रांची एयरपोर्ट पहुंचा। इस दौरान उसे इंडिगो की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया, जिसके बाद उसके माता-पिता ने भी विमान की यात्रा नहीं करने का फैसला किया।