भारत के सबसे बड़े बिजनेस समूह में से एक टाटा ग्रुप (TATA Group) अब आईपीएल (IPL) का मुख्य टाइटल स्पॉन्सर होगा. इससे पहले ये अधिकार मोबाइल कंपनी वीवो (Vivo) के पास थे. चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो (VIVO) को आईपीएल से बाहर कर दिया गया है. उसकी जगह भारत के सबसे बड़े व्यवसाय समूह में से एक टाटा समूह इस साल से आईपीएल का प्रायोजक होगा.
आईपीएल की संचालन परिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया. आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया , हां , टाटा समूह अब आईपीएल का प्रायोजक होगा. वीवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रुपये में खरीदे थे, लेकिन गलवान घाटी में 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद वीवो ने एक साल का ब्रेक लिया था. उसकी जगह ड्रीम 11 प्रायोजक था.
वीवो 2021 में फिर प्रायोजक बना हालांकि अटकलें लगाई जा रही थी कि वे उचित बोली लगाने वाले को अधिकार का हस्तांतरण करना चाहते हैं और बीसीसीआई (BCCI) ने इसका समर्थन किया.
वीवो और बीसीसीआई ने 2018 में IPL के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 440 करोड़ रुपये का करार किया था. ये समझौता आईपीएल 2023 सीजन के बाद समाप्त होना था, लेकिन दोनों पक्ष समय से पहले अलग हो रहे हैं.
माना जा रहा है कि वीवो ने आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप को लेकर बीसीसीआई के साथ अपनी मौजूदा डील टाटा को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था, जिसे मंगलवार को गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मंजूरी दी गई. अब, टाटा के पास 2022 और 2023 सीज़न में आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सरशिप होगा.
आईपीएल 2022 में होंगे कई बड़े बदलाव
आईपीएल 2022 कई बड़े बदलावों के साथ इस साल शुरू होगा. बता दें कि 2022 में आईपीएल में 2 नई टीमों को भी शामिल किया गया है. ये नई टीमें हैं लखनऊ और अहमदाबाद. अहमदाबाद टीम को सीवीसी ग्रुप ने 5,625 करोड़ रुपये में खरीदा था, जबकि लखनऊ टीम को आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप ने 7,090 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि खर्च कर खरीदा था.
दो नयी टीमें खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए नये नियम के साथ इस बार मेगा ऑक्शन होगा. मेगा ऑक्शन से पहले सभी पुरानी फ्रेंचाइजी टीमें अपने-अपने रिटेन खिलाड़ियों के नामों की घोषणा भी कर चुकी हैं. मेगा ऑक्शन में भी नयी टीमों को सबसे पहले तीन खिलाड़ियों को चुनने की छूट दी जाएगी.