भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है. इसरो ने पीएसएलवी- सी51/अमेजोनिया-1 मिशन को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre) से प्रक्षेपित किया. ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने उड़ान भरी और इसके साथ ही अंतरिक्ष में भारत के इसरो ने अहम कदम रखा है. इसरो का पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी51) इस बार अपने साथ 19 सैटेलाइट के साथ कई और चीजें भी लेकर आसमान में पहुंचा है.
साल 2021 के पहले अंतरिक्ष मिशन को आज सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. ये मिशन अब तक के सबसे लंबे स्पेस आ़परेशन में शामिल है. इस मिशन का लॉन्च सुबह 10.24 बजे हुआ.
इसरो के इस लॉन्च की खास बात यह है कि इसके साथ भगवद्गीता (Bhagavad Gita) भी अंतरिक्ष में भेजी गई है. इसका मतलब अब विश्व गुरु भारत में ही नहीं बल्कि अंतरिक्ष में भी गीता का संदेश गुजेगा. प्रत्येक भारतीयों के लिए ये पल गौरवपूर्ण है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी इस मिशन के साथ आसमान की ऊंचाइयों में पृथ्वी का चक्कर काटेगी.
स्पेस किड्ज इंडिया ने अपने सतीश धवन सैटेलाइट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तस्वीर बनाई है. स्पेस किड्ज इंडिय की वेबसाइट के अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पीएम की आत्मनिर्भर पहल और निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष की राह खोलने वाले निर्णय से एकजुटता दिखाई जा सके.
इस मिशन के सफलतापूर्वक लांच होने के बाद इसरो के प्रमुख के सिवन (ISRO Chief K Sivan) ने बताया कि इस मिशन से भारत और ISRO, ब्राजील द्वारा एकीकृत पहले उपग्रह को लॉन्च करने पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सभी सैटेलाइट्स बहुत ही सुरक्षित हालत में हैं. उन्होंने ब्राजील की टीम को बधाई भी दी.
इसके पहले 20 उपग्रह जाने वाले थे, लेकिन प्रक्षेपण के पूर्वाभ्यास के दौरान दो सैटेलाइट को कम कर दिया गया. PSLV-C51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है और अपने साथ ये जिस प्रमुख सैटेलाइट अमजोनिया -1 को लेकर जाएगा. अमजोनिया -1 पहला ऐसा सैटेलाइट है जो पृथ्वी की निगरानी करेगा. इसे ब्राजील द्वारा विकसित किया गया है. इसरो द्वारा लॉन्चिंग के बाद इसका संचालन संयुक्त रूप से चीन और ब्राजील के रिसोर्स सैटेलाइट प्रोग्राम संस्थान करेगा. इस मिशन की अवधि तीन साल तीन महीने है.
बताया जा रहा है कि पीएसएलवी द्वारा लॉन्च किया जाने वाला Amazonia-1 उपग्रह अमेजन के जंगलों की कटाई की निगरानी और अवलोकन करने में मददगार साबित होगा. हाल ही में अमजेन के जंगलों में लगी आग के बाद इस उपग्रह की भूमिका पूरी दुनिया के लिए बेहद अहम होगी. इसके अलावा ब्राजील के उपग्रह द्वारा भेजे गए तस्वीरों से वनस्पति और कृषि क्षेत्रों में भी मदद मिलने की उम्मीद है.