प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा चूक मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की चेयर पर्सन और पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा (Justice Indu Malhotra ) को धमकी मिली है. इंदु मल्होत्रा ही सुपीम कोर्ट के आदेश पर पीएम की सुरक्षा चूक मामले में जांच कमेटी की अध्यक्षता कर रही हैं. उन्हें सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की तरफ से धमकी भरा फोन कॉल आया है.
इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप भी जारी किए हैं. धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा. इस ऑडियो क्लिप में यह भी कहा गया है कि वह मामले की जांच आगे न बढ़ाएं. संगठन ने अपनी धमकी में आगे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज को हम किसी भी हालत में इस मामले की जांच नहीं करने देंगे. इतना ही नहीं इस क्लिप में यह भी कहा गया है कि हम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की भी लिस्ट बना रहे हैं और सबका हिसाब होगा.
ऑडियो क्लिप में आगे कहा गया है कि पहले हमने अधिवक्ताओं को चेतावनी दी थी. मुद्दा पीएम मोदी और सिखों के बीच था, लेकिन आपने (इंदु मल्होत्रा) एसएफजे के खिलाफ शिकायत दर्ज की हैं और खुद को एक खतरनाक स्थिति में डाल दिया है. अब हम मुस्लिम विरोधी और सिख विरोधी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं को जवाबदेह ठहराएंगे. एक मीडिया समूह ने इस बात की जानकारी दी है.
बता दें कि पहले भी इस मामले में 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को इस मामले में धमकी भरे कॉल आए थे. सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने दावा किया था कि उनको धमकी भरे कॉल मिले हैं. ये कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए थे.
वकीलों को धमकी दी गई थी कि पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर चल रही सुनवाई में वो हिस्सा न लें. इनका कहना था कि 1984 सिख दंगों और नरसंहार में अब तक भी एक दोषी को सजा नहीं मिली है. लिहाजा इस मामले की सुनवाई नहीं होनी चाहिए. सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने खुद को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार बताया था.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में वकीलों को कथित तौर पर मिल रही धमकियों की जांच की मांग की थी.
क्या है मामला?
पांच जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था. भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शनकारी मिल गए जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा. जिस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है. पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था.