डॉक्युमेंट्री ‘काली’ के आपत्तिजनक पोस्टर पर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में मेकर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। वहीं अब खबर आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने भी निर्माताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
पोस्टर को लेकर विवादों में आई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ अब मुसीबतों में घिरती नजर आ रही है। फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर हिंदू देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू का झंडा थामे दिखाए जाने की वजह से इस पर विवाद गहराता जा रहा है।
दिल्ली और यूपी में एफआईआर दर्ज
खबर के मुताबिक यूपी पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्रण के लिए फिल्म ‘काली’ की निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया पर देवी काली का विवादित पोस्टर वायरल होते ही राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में फिल्मकार लीना मणिमेकलाई, प्रोड्यूसर आशा एसोसिएट और एडिटर श्रवण ओनाचन को नामजद करते हुए धारा संख्या 120-B, 153-B, 295, 295-A, 298, 504, 505(1)(B), 505(2), सूचना प्रद्योगिकी अधिनियम 2008 के तहत 66 व 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
इससे पहले दिल्ली में एफआईआर हो चुकी है। अधिवक्ता विनीत जिंदल ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके साथ ही गो महासभा सदस्य अजय गौतम ने भी लीना के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। वहीं दिल्ली पुलिस की IFSO इकाई ने काली फिल्म से संबंधित एक विवादास्पद पोस्टर के संबंध में IPC की धारा 153A और 295A के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि, ‘काली’ के पोस्टर को लेकर दो शिकायतें मिलीं। इसमें से एक शिकायत की जांच आईएफएसओ (The Intelligence Fusion & Strategic Operations) कर रही है। ये यूनिट साइबर क्राइम का काम देखती है।
सामने आया फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलाई का बयान
इस फिल्म के पोस्टर पर उठे विवाद के बाद भी फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलाई के हौसले बुलंद हैं। एक दिन पहले उन्होंने पोस्टर पर मचे बवाल पर रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि, ‘जब तक जिंदा हैं तब तक बेखौफ अपनी आवाज बुलंद करना जारी रखेंगी।’
मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में तमिल भाषा में लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है।”
‘फिल्म एक शाम टोरंटो शहर की सड़कों पर काली के टहलने के दौरान की घटनाओं के बारे में है। अगर वे फिल्म देखते हैं, तो वे ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलाई’ के बजाय ‘लव यू लीना मणिमेकलाई’ हैशटैग लगाएंगे।’