कर्नाटक के कोलार में श्री राम शोभा यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने का प्रयास हुआ। यहां शोभा यात्रा में शामिल लोगों पर शरारती तत्वों ने पथराव किया। इसके बाद यहां तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
घटना के बाद से ही क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को हिरासत में लिया है। पथराव के दौरान कुछ युवाओं के घायल होने और वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
पुलिस ने बताया कि रामनवमी की पूर्व संध्या पर आयोजित शोभा यात्रा शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) दोपहर को शिवकेशव नगर से शुरू हुई। शोभायात्रा जैसे ही जहाँगीर मोहल्ले की ओर बढ़ने लगी, अचानक 7.40 बजे बिजली कट गई और शरारती तत्वों ने भगवान राम की मूर्ति पर पथराव करना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल इलाके में कड़े पुलिस बंदोबस्त किए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बदमाशों ने इस दौरान दो कारों के शीशे भी तोड़ दिए और एक बाइक में आग लगा दी। इस घटना में कुछ युवक घायल भी हो गए हैं। कोलार के एसपी डी देवराज ने कहा कि शुक्रवार को शोभा यात्रा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन बिजली की सप्लाई बंद होने की वजह से बदमाश मौका का फायदा उठाने मे कामयाब रहे। इस मामले की जाँच की जा रही है।
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इस मामले में जांच की बात कही है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘कोलार जिले के मुलाबगिलु शहर में श्री राम शोभायात्रा में पत्थर फेंके गए। मैंने पुलिस को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं और इस मामले में गहन जांच की जरूरत है।’ उन्होंने बताया कि इसे लेकर पुलिस 4-5 लोगों से पूछताछ कर रही है।
करौली में भी भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष के जुलूस पर 2 अप्रैल को हिंसा हुई थी। दुकानों में आगजनी की गई। इसमें पुष्पेंद्र नाम का एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके शरीर पर चाकू से हमले के निशान थे। उपद्रवियों को काबू करते हुए पुलिस के 4 जवान भी घायल हुए थे। कुल 43 लोगों के घायल होने की खबर मीडिया में आई थी। इसके बाद मामले में जाँच शुरू हुई और पीएफआई का एक पत्र सामने आया, जिसने इस हिंसा के सुनियोजित होने की ओर इशारा किया था। बाद में कॉन्ग्रेसी नेता मतबूल अहमद की भूमिका भी हिंसा में पाई गई।