गुरु पर्व से ठीक पहले सिख समुदाय के श्रद्धालुओं के लिए मोदी सरकार ने अच्छी खबर दी है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के कारण 2020 में बंद हुई करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की तीर्थयात्रा को फिर से शुरू किया जा रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि सरकार बुधवार से करतारपुर साहिब गलियारा फिर से खोल देगी. उन्होंने कहा कि यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है.
अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘एक बड़ा फैसला जो लाखों सिख श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाएगा, नरेंद्र मोदी सरकार ने कल, 17 नवंबर से करतारपुर साहिब गलियारा को फिर से खोलने का निर्णय किया है.’ गृह मंत्री ने कहा, ‘यह फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्र 19 नवंबर को श्री गरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि यह कदम ‘देश भर में खुशी और उत्साह को और बढ़ा देगा.’
इससे पहले मंगलवार को पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि सिख संगत की भावनाओं का सम्मान करते हुए 19 नवंबर से पहले करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया जाए. पंजाब भाजपा नेताओं के एक दल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर इस मांग को उठाया था.
वहीं बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में पंजाब के बीजेपी नेताओं ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से भी गुरुपर्व के मौके पर मिलकर कॉरिडोर को फिर खोलने की मांग की थी. ऐसा भी कहा गया था कि अमित शाह ने इस मामले पर ध्यान देने की बात कही थी.
भारत से लगी सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यह लाहौर से 120 किमी दूर स्थित है. गुरु नानक जी के माता-पिता का देहांत भी यहीं पर हुआ था. यहां बाबा नानक ने अपनी जिंदगी का अंतिम समय बिताया था। यहां उन्होंने 17 वर्ष 5 माह 9 दिन अपने हाथों से खेती तक की.
इस कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर, 2019 को किया गया था. अगस्त के महीने में पाकिस्तान ने भारत समेत 11 देशों की यहां यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था. डेल्टा वैरिएंट के प्रकोप की वजह से पाकिस्तान ने 22 मई से लेकर 12 अगस्त तक भारत को ‘सी’ कैटेगरी में डाल दिया था. 16 मार्च, 2020 को भारत और पाकिस्तान ने कोविड-19 को देखते हुए अस्थाई तौर पर करतारपुर साहिब की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था.