कोरोना की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (लॉकडाउन) को छह मई की सुबह छब बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को रांची में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसे मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 6 मई सुबह 6 बजे तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि का विस्तार किया है. नए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को और भी सख्त बनाया गया है, जिसमें 8 बजे तक जिन दुकानों या संस्थानों को खोलने की छूट थी, उसकी भी समयावधि को घटाते हुए 2 बजे कर दिया गया है. वहीं सड़कों पर आम लोगों की आवाजाही को भी 3 बजे तक ही करने का निर्देश दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जो दुकानें और संस्थाएं शाम 8 बजे तक खुली रहती थीं, अब उन्हें 2 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया गया है. 3 बजे के बाद प्रदेश में जरूरी सेवाओं को छोड़कर मूवमेंट पर भी रोक लगाई जाएगी. सीएम ने कहा कि और भी बहुत कुछ है जिसे तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाने को लेकर सरकार प्रयासरत है. इसी सिलसिले में रांची के रातू रोड स्थित निगम अस्पताल में 40 बेड के अस्पताल का उद्घाटन किया गया ताकि लोगों की परेशानी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ नॉन ऑक्सीजन बेड भी वर्तमान समय की जरूरत है, जिसे देखते हुए सभी जिलों में अतिरिक्त 50 नॉन ऑक्सीजन बेड लगाने का निर्देश भी दिया गया है. जिन लोगों का ऑक्सीजन लेबल बेहतर होगा, उनका इलाज नन ऑक्सीजन बेड पर इलाज होगा, वहीं जिन्हें दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की काफी किल्लत देखी जा रही है। इसके साथ ये भी जानकारी आ रही है कि जिन संक्रमितों का ऑक्सिजन स्तर सामान्य हो चुका है, उसके बाद भी वे ऑक्सिजन युक्त बेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि ऐसे संक्रमितों को चिन्हित कर उन्हें अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया जाए और जिन्हें ऑक्सिजन युक्त बेड की जरूरत है, उन्हें उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए उन्होंने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कम से कम 50 अतिरिक्त सामान्य बेड की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों को बेहतर चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में समुचित कदम उठाए जाएं। इस सिलसिले में हर बेड तक ऑक्सीजन की उपलब्धता, जीवन रक्षक और जरूरी दवाएं और संक्रमितों तथा उनके परिजनों अथवा सगे संबंधितों की निगरानी की उचित व्यवस्था हो, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके।