कोरोना के नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus Variant) की वजह से राज्य में हुई पहली मौत के बाद महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने अनलॉक के नियम सख्त कर दिए हैं. दरअसल शुक्रवार को राज्य के रत्नागिरी जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित एक 80 वर्षीय महिला की मौत हो गई.
राज्य में तीसरी लहर की आशंका और डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta plus Variant) के नए खतरे सामने आए हैं और पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर कोरोना संक्रमण की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. इस वजह से कुछ नए कठोर निर्णय लिए गए हैं. राज्य में अब तक डेल्टा+ के 21 मामले सामने आए हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने अनलॉक के लिए (Unlock Guidelines in Maharashtra) राज्य के सभी जिलों और नगरपालिकाओं को पांच चरणों में बांटा था. इसके लिए कोरोना संक्रमण के पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) 5 प्रतिशत से कम और ऑक्सीजन बेड (Oxygen Beds)25 प्रतिशत से भी कम भरे होते थे तो वहां 100 प्रतिशत छूट लागू की गई थी. एंटीजेन और आरटीपीसीआर, इन दोनों टेस्ट को स्वीकार किया जा रहा था.
लेकिन अब इसमें फेरबदल किया गया है. अब रैपिड एंटीजेन टेस्ट या किसी और टेस्ट को मान्यता नहीं दी जाएगी. सिर्फ आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट को ही स्वीकार किया जाएगा. इस नए फेरबदल में अब राज्य के सभी जिले, शहर और पालिका तीसरे चरण में होंगे. राज्य सरकार ने कहा है कि कोरोना प्रतिबंधों में छूट लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर नहीं दी जाएगी. सरकार ने अब कहा है कि सभी टेस्ट आरटीपीसीआर (RT-PCR) ही होंगे. सरकार का कहना है कि अब वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जाएगा.
ठाणे और पुणे के लिए आदेश
एक नए आदेश के मुताबिक ठाणे और पुणे जैसे जिलों में मॉल सहित अन्य सार्वजिक जगहों को खोलने का निर्णय कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है. साथ ही अन्य दुकानें और सार्वजनिक दफ्तर शाम 4 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे.
तीसरे चरण में ही रहेंगे सभी जिले
नए नियम के तहत कोरोना संक्रमण दर या ऑक्सीजन बेड की संख्या कितनी भी कम क्यों ना हो, राज्य के सभी जिले तीसरे चरण में ही रखे जाएंगे. इसके अनुसार स्थानीय प्रशासन को अपने-अपने जिलों में कठोर नियम लागू किए जाने का अधिकार दिया गया है. इसके लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को राज्य सरकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.
अब अगर नियमों में ढिलाई देेनी होगी तो एक हफ्ते की बजाए लगातार दो हफ्तों के कोरोना संक्रमण में कमी का रिकॉर्ड देखा जाएगा. जबकि नियमों को कठोर करने के लिए एक हफ्ते में ही संक्रमण बढ़ता हुआ दिखाई दे, तो वह कारण काफी होगा. इसके लिए दो हफ्तों के रिकॉर्ड का इंतजार करने की ज़रूरत नहीं होगी.
पांच चरणों में वर्गीकरण वाला यह आदेश 4 जून को जारी किया गया था. लेकिन कोरोना का वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है. इससे तीसरी लहर की आशंका मजबूत होती जा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.