पिछले महीने त्रिपुरा में हुई हिंसा (Tripura Violence) की आग अभी शांत होती दिखाई नहीं दे रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती (Amravati), नांदेड़ (Nanded) और मालेगांव (Malegaon) में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों (Muslim organizations) के विरोध प्रदर्शन के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है.
बता दें कि शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन के बाद आज हिंदू संगठनों (Hindu organizations) ने बंद बुलाया था. इस दौरान दुकानों पर पथराव किया गया और प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. अमरावती में धारा 144 लगा दी गई है. पुलिस ने पांच जिलों में हुई रैलियों में पथराव की घटना के संबंध में कम से कम 20 प्राथमिकी दर्ज की हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
यह घटना त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में अमरावती शहर में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के दौरान हुई पथराव की घटनाओं के खिलाफ एक भगवा संगठन के बंद के दौरान हुई. राज्य की राजधानी से लगभग 670 किलोमीटर दूर स्थित पूर्वी महाराष्ट्र के इस शहर के राजकमल चौक इलाके में सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए सड़कों पर निकल आए. इनमें से कई के हाथों में भगवा झंडे थे.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के कुछ सदस्यों ने राजकमल चौक इलाके तथा कुछ अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव किया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
इससे पहले शुक्रवार को हुई घटना को लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वल्से ने कहा, “त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ राज्यभर के मुस्लिमों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान नांदेड़, मालेगांव और अमरावती समेत कई जगहों पर पत्थरबाजी हुई. मैंने हिंदू, मुस्लिमों से शांति बनाए रखने की अपील की.” उन्होंने कहा, “अब स्थिति नियंत्रण में है. मैं खुद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के जरिए इस पर नजर रख रहा हूं. अगर कोई दोषी पाया गया, तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा.”
अमरावती की सांसद नवनीत आर राणा ने कहा कि जिले में कल जो कुछ हुआ उसकी निंदा करती हूं. मैं सभी नागरिकों और नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं. मैं बड़े मंत्रियों से अपील करती हूं कि इसे राजनीतिक रंग देने की जगह लोगों की सुरक्षा के बारे में बात की जाए.