पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक कर दिया. ममता बनर्जी ने राज्यपाल को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर ब्लॉक करने के पीछे अपनी मजबूरी बताई है. ममता ने कहा कि वे धनखड़ के ट्वीट्स से परेशान थीं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया.
ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं इसके लिए पहले से ही माफी मांगती हूं. वे (जगदीप धनखड़) हर दिन कुछ न कुछ ट्वीट करके मुझे या मेरे अधिकारियों को गाली देते हैं. वे असंवैधानिक और अनैतिक बातें कहते हैं. वह सलाह नहीं देने का निर्देश देते हैं. चुनी हुई सरकार बंधुआ मजदूर बन गई है. इसलिए मैंने उन्हें अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक किया है. मैं चिढ़ रही थी.”
बनर्जी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार चिट्ठी लिखकर धनखड़ को हटाने की मांग की है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.’’
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पिछले कई दिनों से सीएम ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साध रहे हैं. हाल ही में उन्होंने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मां कैंटीन और कोरोना महामारी के दौरान किए गए इंतजामों में घोटाले का आरोप लगाया.
इतना ही नहीं महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भी धनखड़ ने ममता सरकार को नहीं बख्शा. उन्होंने कहा कि बंगाल लोकतंत्र का गैस चैंबर बनता जा रहा है. इस राज्य में लोकतंत्र का दम घुट रहा है. यहां कानून का राज नहीं है बल्कि शासक का कानून है. मैंने यहां खून का घूंट पिया है. क्या-क्या गालियां नहीं सुनी है. राज्य की सीएम राज्य में और राज्य के बाहर एक राजनीतिक मिशन पर हैं. यहां की राजनीति रक्त रंजित हो गई है और संविधान की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच कई दिनों से टकराव की स्थिति है. राज्य की सीएम और राज्यपाल के ऐसे बयान पहले भी सामने आते रहे हैं. इस बीच खबर है कि टीएमसी बंगाल विधानसभा के आगामी बजट सत्र में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव ला सकती है. एक फरवरी से शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र में भी टीएमसी राज्यपाल को हटाने की मांग पर प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है.