आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां त्यौहार के अवसर पर बकरे की बलि चढ़ाई जा रही थी लेकिन जो शख्स बकरे की गर्दन काटने वाला था उसने बकरे की बजाय उस शख्स की गर्दन काट दी जो उस बकरे को पकड़े हुए था. ये घटना 16 जनवरी की है. कहा जा रहा है कि संक्रांति उत्सव के दौरान ये घटना मंदिर में हुई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
मामला चित्तूर के वलसापल्ले (Valasapalle) का है. संक्रांति के अवसर पर यहां यल्लमा मंदिर में बलि का आयोजन किया गया था. बताया गया कि यहां आसपास के लोग हर साल संक्रांति समारोह के दौरान जानवरों की बलि देते हैं और स्थानीय येल्लम्मा मंदिर में चढ़ाते हैं. हमेशा की तरह इस बार भी यहां इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था.
इस कार्यक्रम के लिए एक बकरे को लाया गया था और उसी की बलि चढ़ाई जानी थी. लेकिन ठीक इसी दौरान कार्यक्रम में कुछ ऐसा हो गया कि हड़कंप मच गया. जो शख्स बकरे की गर्दन काटने वाला था उसका नाम चलापथी है और जो बकरे को पकड़े हुए था उसका नाम सुरेश है. बलि के दौरान अचानक चलापथी ने बकरे की जगह सुरेश की गर्दन काट दी. जैसे ही उसकी गर्दन कटी वह लथपथ होकर वहीं गिर गया.
रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया कि आरोपी नशे में था और उसने शराब पी रखी थी. लिहाजा पूजा के बाद जब बलि देने का समय आया तो उसने बकरे को पकड़ने वाले सुरेश की ही गर्दन पर तलवार चला दी. चलापति को मंदिर में मौजूद लोगों ने तुरंत ही धर दबोचा.
खून से लथपथ सुरेश को तुरंत स्थानीय लोग मदनपेले सरकारी अस्पताल ले कर पहुंचे. लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. चलापति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. मृतक सुरेश शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी हैं. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं चलापथी का सुरेश से कोई पुराना विवाद तो नहीं था.
संक्रांति पर हर साल दी जाती है बलि
यल्लमा देवी के इस प्राचीन मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर हर साल बलि का आयोजन किया जाता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह प्रथा काफी पुरानी है. इस दिन इलाके के लोग अपने जानवरों को लेकर मंदिर परिसर में पहुंचते हैं और बारी-बारी से उनकी बलि दी जाती है. सुरेश भी ठीक इसी तरह अपने जानवर की बलि देने पहुंचा था.