यूपी के गोरखपुर में पुलिस की पिटाई के बाद प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के बाद इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. बीते सोमवार मनीष गुप्ता (36) की देर रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी.
आरोप है कि हालत खराब होने के बाद पुलिस मनीष को लेकर एक निजी अस्पताल गई थी, जहां से उन्हें रेफर कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस से अकेले ही भेज दिया था, जहां डॉक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया. मामला राजनीतिक होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मृतक के परिजनों से मिलने कानपुर पहुंचे.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कानपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के परिवार वालों से मुलाकात की. गोरखपुर पुलिस के 6 अधिकारियों और कॉन्स्टेबल पर आरोप है कि उन्होंने एक होटल में बेरहमी से मनीष गुप्ता की पिटाई की. इस वजह से उनकी मौत हो गई है. इस मामले में अखिलेश यादव आज मनीष गुप्ता के परिवारवालों और उनकी पत्नी से मिले. अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मदद देने का ऐलान किया है.
अखिलेश यादव इस दौरान योगी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें यूपी में हो रही है. अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में या फिर सीबीआई से कराने की मांग की है. परिवार की मदद के लिए सरकार को 2 करोड़ रुपये देने चाहिए. अखिलेश ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि पीड़ित परिवार को राज्य सरकार 2 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दे. उन्होंने कहा कि डीएम, एसएसपी सब ने वीडियो देखा पर कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इस मामले की जांच संभव नहीं है इस केस को कानपुर ट्रांसफर किया जाए. अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस और अफसरों से गलत काम करवा रही है. अखिलेश मनीष गुप्ता की पत्नी से मिले और उन्हें न्याय का भरोसा दिया, इस दौरान मनीष गुप्ता की पत्नी बदहवास सी नजर आईं. वहीं अखिलेश यादव ने परिवार के सदस्यों के साथ भी समय गुजारा.
अखिलेश ने कहा कि पुलिस का काम सुरक्षा देने का है लेकिन उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में, पुलिस सुरक्षा नहीं कर रही है. पुलिस लोगों की जान ले रही है. अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस का ऐसा व्यवहार किसी की सरकार में देखने को नहीं मिला. बाबा मुख्यमंत्री होने के बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही है. ऐसी सरकार में अगर कार्रवाई हुई होती तो मनीष गुप्ता को आज अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती.