एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने पुणे वक्फ बोर्ड (Pune Waqf Board) जमीन घोटाला मामले की जांच अपने अंडर ले ली है. ED ने आज इस मामले में कई जगह छापेमारी की है. वक्फ बोर्ड नवाब मलिक के अंडर आता है. बताया जा रहा है कि ED की छापेमारी 7 जगहों पर चल रही है.
वक्फ बोर्ड की जमीन अल्पसंख्यक मंत्रालय में आती है. नवाब मलिक महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हैं. इस मामले में अगस्त में दो अधिकारियों को पुणे की बंदगार्डन पुलिस टीम ने अरेस्ट किया था. जांच से पता चला था कि इन दोनों ने ट्रस्ट का पदाधिकारी होते हुए 7.76 करोड़ों रुपए का गबन किया है. चूंकि मामला मनी लांड्रिंग से जुड़ रहा था, इसलिए जांच ED ने अपने हाथ में ली. औरंगाबाद में भी ईडी की छापेमारी की खबर है. यहां भी ईडी ने वक्फ बोर्ड की जमीन में हुए कथित घोटाले के सिलसिले में छापा मारा है.
यह कार्रवाई ऐसे वक्त में हुई जब मलिक लगातार भाजपा और एनसीबी पर निशाना साध रहे हैं. बता दें नवाब मलिक बीते कुछ समय से राज्य की राजनीति में सुर्खियों में है. आर्यन खान ड्रग केस (Aryan Khan Drug Case) में अब लड़ाई नवाब मलिक(Nawab Malik) V/s देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) पर फोकस हो गई है. इसमें अब नवाब की बेटी भी कूद पड़ी हैं. उन्होंने फडणवीस को कानूनी नोटिस भेजा है.
इससे पहले नवाब मलिक ने 10 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि फडणवीस के संरक्षण में जाली नोटों का धंधा होता था. वो उनके जाने के एक साल बाद तक जारी रहा. उन्होंने विदेशों से आए फोन के बाद कई कुख्यात लोगों के केस सुलझाए. फडणवीस के इशारे पर वसूली होती थी. फडणवीस ने राजनीति का अपराधीकरण किया. जिसके बाद फडणवीस ने भी उन पर संदिग्ध लैंड डील में शामिल होने का दावा किया था.
उधर, फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने गुरुवार को मलिक पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने ट्वीट किया- ‘नवाब मलिक ने कुछ तस्वीरों सहित मानहानि करने वाले, भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण ट्वीट्स शेयर किए. आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक कार्यवाही सहित मानहानि का नोटिस दिया गया है. या तो बिना शर्त सार्वजनिक माफी के साथ 48 घंटे में ट्वीट हटा दें या कार्रवाई का सामना करें!’