ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन (New Coronavirus Strain) मिला है। कोरोना वायरस के इस नए खतरे को देखते हुए पूरे यूरोप ने ब्रिटेन से खुद को अलग कर लिया है. ज्यादातर देशों ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है और हवाई सेवा बंद कर दी है। खुद ब्रिटेन ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। कोरोना के इस नए स्ट्रेन को लेकर अब भारत में भी हलचल देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने कहा है कि सरकार यूनाइटेड किंगडम (UK) में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर सरकार अलर्ट है, घबराने की कोई जरूरत नहीं।
दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने सरकार से यूनाइटेड किंगडम से आने वाली सभी फ्लाइट्स बैन करने की मांग की है। केंद्र की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार अलर्ट है और घबराने की कोई बात नहीं है। यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है। दुनियाभर में इस खबर के बाद चिंता बढ़ गई है। 15 से ज्यादा देशों ने विमान सेवाओं में पाबंदियों का ऐलान किया है। भारत में अभी ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है।
कोरोना के नए स्ट्रेन से चिंतित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार से फ्लाइट पर बैन लगाने की मांग की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ‘यूनाइटेड किंगडम में कोरोना के नए स्ट्रेन से हलचल है और वो सुपर स्प्रेडर की तरह काम कर रहा है। ऐसे में भारत सरकार को यूके की सभी फ्लाइट बैन करनी चाहिए।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी ट्वीट कर कहा कि यूनाइटेड किंगडम में कोरोना की नई स्ट्रेन की खबर चिंताजनक है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यूनाइटेड किंगडम में कोरोना की नई स्ट्रेन की खबर चिंताजनक है। भारत सरकार को इस मामले में तुरंत एक्शन लेना चाहिए और ब्रिटेन, अन्य यूरोपीय देशों से आने वाली फ्लाइट तुरंत बैन करनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार दोपहर कहा कि केंद्र को पता है कि क्या करना है। उन्होंने कहा, “सरकार अलर्ट है स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए स्ट्रेन को लेकर सोमवार को अपने शीर्ष सलाहकारों की एक आपात बैठक बुलाई है। संयुक्त निगरानी समूह की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक करेंगे। इस आपातकालीन बैठक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि और अन्य लोग हिस्सा लेंगे।