पालघर:- पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों को पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में कोकण जोन के आईजी ने सख्तरुख अपनाते हुए कासा पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक आनंदराव काले को बर्खास्त कर दिया, जबकि पुलिस उपनिरीक्षक कटारे, कासा पुलिस स्टेशन में हवलदार पदपर तैनात संतोष मूकने को दो वर्ष तथा सिपाही शशिकांत कदम, सूरज का व मनोज सहारे को एक वर्ष तक के लिए प्रोमोशन व अन्य सुविधाओं से वंचित रखते हुए मूल वेतन पर कार्य करने का आदेश दिया है. वहीं सहायक फौजदार सालुंखे व नरेश धोड़ी को समय से पूर्व जबरन सेवानिवृत कर दिया गया है. इसके अलावा सिपाही पदपर नियुक्त बाबा साहेब जगताप, अक्षय पहाडे, आकाश आराक, गणेश घागस, अमित कुमार जाधव, कमलाकर पाटिल, सूरज होलावे, इशराईल सय्यद, राहुल पंडागले व श्रीराम फाजगे सहित 10 लोगों पर कड़ी कारवाई करते हुए उन्हें एक वर्ष तक प्रोमोशन व अन्य सुविधाओं से वंचित रखते हुए मूल वेतन पर कार्य करने की सजा सुनाई गई हैं. साधुओं पर हमले के दौरान इन पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप है. पालघर पुलिस अधीक्षक कार्यलय ने एक प्रेसनोट जारी कर यह जानकारी दी है.
बताया जा रहा है तत्कालीन निरीक्षक आनंदराव काळे घटना के वक्त अपनी गाड़ी में बैठे थे और उन्होंने उतरकर भीड़ को रोकने का प्रयास नही किया, जबकि सालुंखे ने साधु हाथ झटक कर उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया था. जिसके आधार पर इन्हें निलंबित किया गया है.
उल्लेखनीय है कि पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को दो साधुओं व उनके वाहन चालक को भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. वे लोग सूरत जा रहे थे. पुलिस ने बताया कि इस मामले में करीब 154 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 11 किशोरों को हिरासत में लिया गया. मामले की जांच महाराष्ट्र सीआईडी को सौंपी गई थी, जिसने अदालत में तीन आरोप पत्र दाखिल किए हैं. इसी मामले में सरकार ने पालघर जिला पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को भी अवकाश पर भेज दिया था.