फिलीपींस ने भारत के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह पूरी मिसाइल डील करीब 37 करोड़ 40 लाख डॉलर की होगी। इस संबंध में जल्द ही दोनों देशों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होगा। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए यह पहला विदेशी आर्डर है।
बता दें कि इस हफ्ते 11 जनवरी को भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। मिसाइल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है जहां डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापत्तनम से किया गया था जो हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है। ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है।
ब्रह्मोस एक शक्तिशाली आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है जिसका उपयोग पहले से ही भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना के साथ-साथ भारतीय सेना द्वारा भी किया जाता है। इस खरीद के अनुबंध के लिए दिए गए नोटिस में ब्रह्मोस एयरोस्पेस से 10 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है। ब्रह्मोस के विकास के लिए भारत और रूस के बीच एक साझेदारी है, दोनों सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम के उत्पादन में माहिर है।
फिलीपींस की बढ़ेगी ताकत
बता दें कि फिलीपींस का चीन के साथ साउथ चाइना सी में अधिकारक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। इसी बीच फिलीपीन्स के दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल लेने के फैसले से उसकी सेना की ताकत अब काफी बढ़ जाएगी। इस मिसाइल के जरिए फिलीपींस चीन को आंख दिखाते हुए अपने तटीय इलाकों की रक्षा कर सकेगा।
माना जा रहा है कि जल्द ही चीन का एक और पड़ोसी देश वियतनाम भी भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का समझौता कर सकता है। दोनों ही देशों के बीच इस मिसाइल डील को लेकर बातचीत चल रही है। इंडोनेशिया सहित कई देशों और कई खाड़ी देशों ने मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है।
ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस संयुक्त उद्यम है और यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। यह क्रूज मिसाइल ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। यह संस्करण लगभग 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है। पिछले कुछ दिनों में फिलीपीन ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए कई रक्षा सौदे किए हैं।