प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाई
दिल्ली मेट्रो देश की सबसे बड़ी मेट्रो सेवा है.देश की पहली बिना ड्राइवर की ये मेट्रो 38 किलोमीटर लंबी मैजेंटा लाइन पर चलेगी. 390 किलोमीटर में फैला दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क दिल्ली समेत आसपास के नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, ग़ाज़ियाबाद जैसे शहरों को जोड़ता है.
ड्राइवरलेस मेट्रो लाने के लिए मेट्रो रेलवेज़ जनरल रूल 2020 में बदलाव किया गया. जनकपुरी वेस्ट और बोटेनिकल गार्डन को जोड़ने वाली यह लाइन एयपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के साथ नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवाओं के साथ संचालन करेगी.
मेजेंटा लाइन दिल्ली में जनकपुरी वेस्ट और नोएडा में बोटेनिकल गार्डन को जोड़ती है. इसी लाइन पर पहली ड्राइवरलेस ट्रेन तकनीक शुरू हो रही है. इस तकनीक को 2021 के मध्य तक पिंक लाइन (मजलिस पार्क-शिव विहार) पर भी शुरू करने की योजना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद भाषण के दौरान कहा कि उन्हें 3 साल पहले मेजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था और आज फिर इसी रूट पर देश की पहली ऑटोमेटेड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला है.
उन्होंने कहा, “ये दिखाता है कि भारत कितनी तेज़ी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ़ आगे बढ़ रहा है. आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है. पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी. आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है.”
मेजेंटा लाइन पर मेट्रो का संचालन ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन (डीटीओ) तरीक़े से होगा. इसमें ट्रेनों का नियंत्रण बिना किसी इंसानी दख़ल के डीएमआरसी के तीन कमांड सेटंरों से हो सकता है. कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) सिग्नलिंग तकनीक ट्रेनों के संचालन और उसमें किसी समस्या के समाधान को दुरुस्त करने में सक्षम है. डीएमआरसी के पास 2017 से यह तकनीक मौजूद है लेकिन इसे शुरू करने से पहले उसने कड़े परीक्षण किए हैं.
इसकी शुरुआत मई 2020 से होनी थी लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. डीमआरसी के मुताबिक़ मेट्रो को चलाने से जुड़े कई काम पहले से ही ऑटोमैटिक हैं. हाई रिज़ॉल्यूशन के कैमरे लग जाने से ट्रैक पर केबिन से नज़र रखने की ज़रूरत नहीं होगी. इस नए प्लान के मुताबिक़ ट्रैक और ट्रेन के ऊपर से गुज़रने वाली तारों पर लगातार नज़र रखी जाएगी और किसी आपातकाल की स्थिति में तुरंत क़दम उठाए जा सकेंगे.
कमांड सेंटर पर इंफ़ॉर्मेशन कंट्रोलर होंगे, जो कि यात्रियों और भीड़ की मॉनीटरिंग करेंगे. इसके अलावा ट्रेन से जुड़ी दूसरी जानकारियों और सीसीटीवी की भी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. लेकिन अभी भी ये सिस्टम अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) मोड यानि पूरी तरह से ड्राइवरलेस मोड से दूर है. जैसे ही मेट्रो में हर तरह की गड़बड़ी को पकड़ने वाले कैमरे लग जाएंगे, ड्राइवर हटा दिए जाएंगे. समय के साथ ड्राइवर की केबिन और कंट्रोल पैनेल भी हटा दिए जाएंगे.